पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह का दावा, जनप्रतिनिधियों की संपत्त‍ि की ईमानदारी से जांच होने पर आएंगे चौंकाने वाले तथ्य

झारखंड राजनीति
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प्रशांत अंबष्‍ठ

गोमिया (बोकारो)। पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह ने कहा कि झारखंड सोने की चिड़िया है। यहां खनिज संपदाओं का भरपूर भंडार है। हालांकि यहां के मंत्री नेता और जनप्रतिनिधि के निजी स्वार्थ की वजह से आज झारखंड विकास से कोसों दूर जा रहा है। गरीब और गरीब होते जा रहे हैं। अमीर और अमीर होते जा रहे हैं। झारखंड के जल, जंगल, जमीन पर अमीरों का कब्जा होता जा रहा है। सिंह ने दावा करते हुए कहा कि अगर जनप्रतिनिधि, नेता, मंत्री, विधायकों की संपत्ति की ईमानदारी से जांच होने पर कई चौंकाने वाले मामले सामने आयेंगे।

सिंह ने कहा कि आज के जनप्रतिनिधि जनसेवा की भावना लेकर विधायक और मंत्री नहीं बनते हैं। वे सिर्फ अपनी पेटी और तिजोरी भरने के लिए नेता, मंत्री और विधायक बनकर जनप्रतिनिधि होने का ढोंग करते हैं। झारखंड गठन के समय इंदर सिंह नामधारी के विधानसभा की अध्यक्षता में हमने विधानसभा में खड़े होकर सभी विधायकों को रजरप्पा मां छिन्नमस्तिके मंदिर में जाकर कसम खाने की बात कही था कि 2 साल अगर ईमानदारी और निष्ठा लगन से हम सभी झारखंड की सेवा करेगें तो राज्य स्वर्ग हो जाएगा। किसी ने भी इस बात पर अपनी सहमति नहीं दी थी, सिवाय नामधारी जी के।

सिंह ने कहा कि आज जनप्रतिनिधि अपने पेट भरने में लगे। जनता भूखे कराह रही है। जनप्रतिनिधि नेता, विधायक, मंत्री सभी अपने-अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के नेता आरोप-प्रत्यारोप लगाकर एक दूसरे का पोल खोलने में लगे रहे हैं, जबकि कोई भी दूध का धुला नहीं है। बहती गंगा में सभी ने अपने हाथ धोने का काम किया है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि झारखंड की चिंता किसी को नहीं है। आज चारों और लूट मची है। कोयला, लोहा, खनिज संपदा, जमीन, सभी बड़े-बड़े पूंजीपति और नेता, मंत्री विधायक के संरक्षण में हड़प लिये जा रहे हैं। हालांकि कोई सुनने वाला नहीं है। झारखंड की दुर्दशा देखकर ऐसा लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब यहां की जनता सड़क पर उतरने को मजबूर हो जाएगी।