बीएयू ने विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र व अभिलेखों को किया डिजिटल

झारखंड शिक्षा
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  • सात महाविद्यालयों के रिजल्ट को डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर किया गया अपलोड

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (रांची) के विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र व अभिलेखों की डिजिटल और सात महाविद्यालयों के रिजल्ट को डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म से अपलोड करने की व्यवस्था शुरू की गई है। इसका उद्घाटन 30 जनवरी ’23 को आयोजित समारोह में कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने रिमोट का बटन दबाकर किया।

समस्‍याओं का निदान

मौके पर कुलपति ने कहा कि हर रोज विवि में छात्र-छात्राओं के आवेदन में शैक्षणिक प्रमाण-पत्र व अभिलेखों के खोने या गुम होने का आवेदन प्राप्त होता था। विवि छात्रों को अंतिम परीक्षा के बाद किसी दूसरे संस्थान में नामांकन या नियोजन के लिए तत्काल शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों व अभिलेखों की जरूरत होती थी। छात्रों की इन्हीं समस्याओं के निदान के लिए इस नई तकनीकी व्यवस्था को विवि में शुरू किया गया है।

फरवरी में प्रक्रिया पूरी

कुलपति ने सभी संस्थानों से विवि के छात्रों के प्रमाण-पत्र नहीं भेजने का भी आग्रह किया और संस्थानों को ऑनलाइन पंजीयन से सत्यापन करने का अनुरोध किया। उन्होंने बदलते शैक्षणिक परिवेश में कुलसचिव कार्यालय एवं आईटी सेल के प्रयासों की सराहना की। कहा कि फरवरी में बीएयू के सभी महाविद्यालयों के छात्रों का शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों/अभिलेखों को अपलोड करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

5 वर्षों से प्रयास चल रहा

विश्वविद्यालय में इस दिशा में करीब 5 वर्षों से प्रयास चल रहा था। वर्तमान कुलपति के गंभीर प्रयासों से ही विश्वविद्यालय में यह नई व्यवस्था लागू की गई है। विवि द्वारा सात महाविद्यालयों के सत्र 2017-18 तक के शैक्षणिक अभिलेखों को नेशनल एकेडेमिक डेपोजिटरी डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर दिया गया है।

डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित

विश्वविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं के सभी शैक्षणिक अभिलेखों को डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित की गयी है, ताकि अभिलेखों/प्रमाण-पत्रों की प्रमाणिकता बनी रहें। बीएयू के इस कदम से विद्यार्थि‍यों को अपने अभिलेखों/प्रमाण-पत्रों के सत्यापन के लिए संस्थान के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।

डाउनलोड करने में सुविधा

विश्वविद्यालय की इस पहल से छात्र-छात्राओं को किसी भी जरूरत के लिए शैक्षणिक अभिलेखों को डाउनलोड करने में सुविधा होगी। विश्वविद्यालय से पास आउट विद्यार्थी अपने अभिलेखों/प्रमाण-पत्रों को क्यू आर कोड द्वारा भी अपलोड कर सकते है। इसके प्रमाणीकरण के लिए पब्लिक आधारित क्यूआर कोड भी डाला गया है।

इनका रहा योगदान

विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को डिजिटल डाटा उपलब्ध कराने में कुलसचिव डॉ एन कुदादा, उपकुलसचिव (परीक्षा) डॉ रमेश कुमार, उपकुलसचिव (एकेडेमिक) डॉ एस चट्टोपाध्याय, डिप्टी नोडल ऑफिसर डॉ बीके अग्रवाल, कुलपति कोषांग के संजय कुमार राय एवं देव प्रकाश शुक्ला का योगदान रहा। डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर डाटा अपलोड करने में आईटी सेल के सचिन कुमार, एहतेशामूल हक की भूमिका रही।