बालिका कौशल विकास के लिए हमें पुनः प्रयास करना होगा ; आशा लकड़ा

झारखंड
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रांची। विद्या विकास समिति, झारखंड के तत्वावधान में बालिका शिक्षा की तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन श्री कृष्ण चंद्र गांधी नगर, कुदलुम, रांची में किया जा रहा है। उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में रांची नगर निगम की महापौर आशा लकड़ा ने बालिका शिक्षा के लिए उनके कौशल विकास पर जोर दिया।

उन्होंने कहा आज महिलाएं कमजोर नहीं हैं। अब हम उन्हें झिझक वाली तथा सिर्फ बच्चों को पालने वाली के रूप में नहीं देख सकते। बालिकाओं को आज भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए आगे आना होगा।पाश्चात्य विचारधारा का नरेटीव समाज में फैलाया जा रहा है। इससे बालिकाओं को सतर्क रहने की आवश्यकता है। कौशल विकास के लिए विद्यालयों में बालिका शिक्षा को स्थान देना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इन बातों का ध्यान रखा गया है।

इससे पूर्व विषय प्रवेश कराते हुए बालिका शिक्षा की क्षेत्र प्रमुख शर्मिला कुमारी, प्रधानाचार्य, पूर्णिया, बिहार ने कहा कि कन्या भारती का गठन प्रत्येक शिशु विद्या मंदिर में किया जाता है। बालिका शिक्षा का कार्य सह शिक्षा वाले विद्यालय में बढ़ जाता है। उन्होंने आगे जानकारी दी कि सभी सत्र क्रियात्मक होंगे। इसमें अपने कार्य की वर्तमान स्थिति, बालिका शिक्षा का कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन, बालिका शिक्षा परिषद का गठन एवं इसका कार्य, बालिका शिक्षा पाठ्यक्रम एवं निर्देशिका का अध्ययन, मातृ-पितृ विचार गोष्ठी जैसे सत्र होंगे।‌

इस अवसर पर विद्या भारती बिहार क्षेत्र के संगठन मंत्री ख्यालीराम ने कहा कि ‘भटकने से गुरु ही शिक्षार्थियों को बचा सकता है’ हमें बालिकाओं के लिए योजना बनाकर पाठ्यक्रम के अंतर्गत कार्य करना होगा। विद्यालय में सिर्फ कोर्स पूरा करना ही हमारा लक्ष्य नहीं हो। माताओं को अपने बच्चों में भेद नहीं करना चाहिए। लड़का एवं लड़की दोनों पढ़े और दोनों आगे बढ़े। लड़की सिर्फ घर का चौका बर्तन करने वाली नहीं रहे। हमें समाज में आए दोष को दूर करना होगा। उन्होंने आगे कहा जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि। हमें पश्चात अंधाधुंध नकल में नहीं पड़ना चाहिए।

मौके पर बालिका शिक्षा के प्रांत के संरक्षक राजेश प्रसाद, क्षेत्र प्रशिक्षण प्रमुख फनींद्र नाथ एवं प्रांत के प्रशिक्षण प्रमुख विवेक नयन पांडेय एवं अन्य पूर्णकालिक कार्यकर्ता तथा कार्यालय के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

प्रदेश सचिव अजय कुमार तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला में आए प्रांत के विभिन्न विद्यालय की महिला आचार्य, जिनकी संख्या 135 है, अगले तीन दिनों तक चिंतन मंथन करेंगे तथा बालिका शिक्षा के लिए विद्यालय ही नहीं तो इसे एक समाज में प्रेरणा देने वाला कैसे बनाया जा सके। इस पर विचार विमर्श करेंगे।यह जानकारी विद्या विकास समिति, झारखंड के संवाददाता मनोज कुमार ने दी।