‘प्रंचड’ तीसरी बार बने नेपाल के PM, राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने किया नियुक्त, शपथग्रहण कल इतने बजे

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नेपाल। बड़ी खबर पड़ोसी देश नेपाल से आ रही है। पुष्प कमल दहल ‘प्रंचड’ तीसरे बार नेपाल के प्रधानमंत्री बन गए हैं। नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें संविधान के अनुच्छेद 76(2) के अनुसार प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

नेपाली कांग्रेस, सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी को छोड़कर संसद में सभी दलों के समर्थन से दहल ने पद के लिए दावा पेश किया है। द काठमांडू पोस्ट के मुताबिक दहल का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार शाम चार बजे होना है।

नेपाल की राजनीति में आज का दिन बेहद यादगार बन गया है। चुनाव परिणाम के बाद से आज रविवार सुबह तक शेर बहादुर देउबा के पीएम बनने के दावे किए जाते रहे। इसे लेकर आज सुबह नेपाली कांग्रेस और माओवादी सेंटर के बीच बैठक भी हो रही थी, लेकिन अचानक पुष्प कमल दहल प्रचंड मीटिंग छोड़कर बाहर निकल गए।

इसके बाद उन्होंने गठबंधन से बाहर निकलने का एलान किया और कुछ ही समय बाद पीएम बनने की दावेदारी भी ठोक दी। पुष्प कमल दहल प्रचंड ने नेपाल की राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी को सांसदों के समर्थन वाला पत्र भी सौंप दिया है। इस पत्र में बहुमत के लिए प्रचंड के समर्थन में 165 सांसदों के हस्ताक्षर हैं।

नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने सभी पार्टियों को प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश करने के लिए आज तक ही डेडलाइन दिया था। इसके बाद शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस और प्रचंड की सीपीएन माओवादी अलग-अलग तरीके से सरकार बनाने की तैयारी करने लगे।

माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ने कहा कि नेपाली कांग्रेस के संग गठबंधन ने अपनी प्रासंगिकता खो दी थी। इसके बाद प्रचंड की पार्टी ने ऐलान किया है कि 6 पार्टियों का गठबंधन तैयार हो गया है और इसमें पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ प्रधानमंत्री बनेंगे। इन पार्टियों ने कहा है कि प्रचंड ढाई साल तक पीएम रहेंगे। इसके बाद CPN-UML सत्ता संभालेगी। यानी कि अब लगभग है कि अगले ढाई साल बाद पूर्व पीएम ओली नेपाल के प्रधानमंत्री बनेंगे।

केपी शर्मा ओली की पार्टी CPN- UML के नेता बर्शमन पुन ने कहा कि पुष्प कमल दहल शुरू के ढाई साल तक पीएम पद पर रहेंगे जबकि शेष ढाई साल के लिए केपी शर्मा ओली इस पद को संभालेंगे। इसके लिए समझौते पर मुहर लगा दी गई है। नए गठबंधन में सीपीएन-यूएमएल के 78, माओवादी सेंटर के 32, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 20, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के 14, जनता समाजवादी पार्टी के 12, जनमत पार्टी के 6 सांसद हैं। इसके अलावा दहल को नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के 4 सांसदों का भी समर्थन हासिल है। अगर ये दावा सही साबित होता है तो इस नए गठबंधन को 169 सीटें हासिल होती हैं, जो कि बहुमत से अधिक है।