डायरेक्टरी का विमोचन, बनी नजीर
जमशेदपुर। जमशेदपुर लौहनगरी की रामगढ़िया सिख बिरादरी की संस्था रामगढ़िया सभा की वर्तमान कमेटी को भंग कर दिया गया है। वही ट्रस्टियों ने नया चुनाव होने तक निवर्तमान प्रधान सरदार अमरदीप सिंह को काम करने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
रविवार को सालाना आमसभा में ऑडिटर संतोख सिंह संधू ने वित्तीय वर्ष 2021-2022 और अप्रैल 2022 से नवंबर 2022 तक का लेखा-जोखा रखा, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
निवर्तमान कमेटी के प्रधान सरदार अमरदीप सिंह एवं महासचिव सरदार केपीएस बंसल ने पिछले 5 सालों में रामगढ़िया सभा एवं विश्वकर्मा टेक्निकल इंस्टीट्यूट में हुए विकासात्मक कार्य और क्रियाकलाप को रखा। पूरे सदन ने उनके कार्यकाल की भरपूर सराहना की।
वही सरदार अमरदीप सिंह एवं केपीएस बंसल ने बताया कि समाज की एकता के लिए उन्होंने सातों मेंबर को वापस लेने का फैसला किया है और वे खुश हैं कि समाज को एक करके और मजबूत आर्थिक आधार देकर जा रहे हैं।
वही इस वर्तमान कमेटी की जमकर तारीफ हुई कि स्थापना काल के 110 साल पूरे कर रही रामगढ़िया सभा ने पहली बार डायरेक्टरी का सचित्र प्रकाशन किया है और इसका विमोचन पंथिक मर्यादा के अनुसार अरदास कर किया गया।
ट्रस्टी जसबीर सिंह संधू ने कमेटी के कार्यकाल की सराहना करते हुए कमेटी भंग करने की घोषणा की और नए प्रधान के लिए नाम प्रस्तावित करने का आग्रह सदस्यों से किया।
सरदार केपीएस बंसल, सरदार खुशवंत सिंह रूबी एवं सरदार ताजबीर सिंह कलसी के नाम प्रस्तावित हुए।
किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी, तो ट्रस्टियों ने आपस में राय कर घोषणा कर दी कि 28 दिसंबर तक प्रधान पद के लिए नामांकन किए जा सकेंगे और प्रशासन से अनुमति मिलते ही चुनाव प्रक्रिया संपन्न करा दी जाएगी।
सभा की ओर से बुजुर्ग सदस्यों के साथ ही सरदार शैलेंद्र सिंह, सरदार मनजीत सिंह माल्टू, सरदार परविंदर सिंह को बुके देकर अभिनंदन किया गया। वहीं पूर्व ट्रस्टी और रामगढ़िया समाज रत्न सरदार त्रिलोक सिंह संधू के निधन पर शोक जताते हुए 2 मिनट का मौन भी धारण किया गया।
आम सभा में ट्रस्टी जसवीर सिंह संधू, ट्रस्टी देवेंद्र पाल सिंह, ट्रस्टी मनमोहन सिंह, सरदार संता सिंह, सरदार सरदूल सिंह, सरदार प्रितपाल सिंह सरदार, हरदीप सिंह, सरदार हरजीत सिंह विरदी, सरदार शैलेंद्र सिंह, सरदार ताजवीर सिंह कलसी, सरदार कुलविंदर सिंह, सरदार बूटा सिंह, सरदार मंजीत सिंह संधू, सरदार सतविंदर सिंह बब्बू, सरदार भगवंत सिंह रूबी समेत ढाई सौ से ज्यादा सदस्य उपस्थित थे।