रांची। झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के राज्य अध्यक्ष पवन कुमार एवं झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार साह ने 29 दिसंबर को झारखंड मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष संतोष कुमार सत्पथी से मुलाकात की। मांग पत्र सौंपकर दिवंगत एमपीडब्ल्यू कर्मचारी के आश्रितों को नौकरी और मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई।
शिष्टमंडल ने बताया कि राज्य में कार्यरत रहे कई एमपीडब्ल्यू की कार्यावधि में पोस्ट कोविड, कोरोना, हार्ट फेल, मलेरिया मॉनिटरिंग के दौरान, ऑन ड्यूटी एक्सीडेंट, किडनी फेल, कालाजार, आर्थिक परेशानी और अन्य कारणों से मृत्यु हो गई। इसके बाद भी उन्हें आज तक राज्य सरकार द्वारा कोई मदद नहीं दी गई। ना ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी कोई सहयाता राशि दी गई। अनुकंपा पर उनके आश्रितों की नियुक्ति भी नहीं की गई।
कार्य करते अरविंद कुमार (पलामू), अंबुज व तौहीद अंसारी (लातेहार), अजय कच्छप (पूर्वी सिंहभूम), करम दयाल सिंह, श्रवण सोय, अविनाश कुल्लू, जग नारायण भुईया (सिमडेगा), विनय कुमार (लातेहार), देवा सिंह यादव (गढ़वा), पंकज कुमार (देवघर), उदय कुमार (दुमका, मुस्ताक अली (पाकुड़), शशि कुमार (रांची), सुनील कुमार (धनबाद), सुमन कुमार और दिगंबर मुर्मू (गोड्डा) आदि की मृत्यु हो चुकी है।
अध्यक्ष संतोष कुमार सत्पथी को महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार साह ने अनुरोध पत्र समर्पित किया। उनसे सभी दिवंगत एमपीडब्ल्यू कर्मचारी के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने, उनके आश्रितों को 20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की।
अध्यक्ष ने शिष्टमंडल को आश्वास्त किया कि इस संबंध में उचित कार्रवाई की जाएगी। संबंधित जिला के सभी सिविल सर्जन से प्रतिवेदन की मांग की जाएगी।