दिवंगत पारा शिक्षक के आश्रित को उर्दू शिक्षक संघ ने दी सहायता

झारखंड
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रांची। झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ, मरकजी कमेटी की पांच सदस्यीय टीम ने सरायकेला के दिवंगत पारा शिक्षक मो युनुस अंसारी की बीबी को सहायता राशि दी। दिवंगत पारा शिक्षक की यतीम भतीजी का 11 नवंबर को विवाह होने वाला है। उसमें मदद के तौर पर तंजीम ने यह रकम दी है।

टीम में अमीन अहमद, अब्दुल माजिद, साबिर अहमद, गुलाम अहमद, अब्दुल गफ़्फ़ार शामिल थे। झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ ने उनके परिवार की आर्थिक मदद करने की अपील जारी की थी। संघ द्वारा कुल 37 हजार दो रुपये उनके परिवार को दिया गया।

मदद करने वालों में एनामुल हक, गुलाम अहमद, जफीरुल हसन खान, इरशाद आलम, अब्दुल ग़फ़्फ़ार अंसारी, मोहम्मद फखरुद्दीन, मक़सूद जफर हादी, नवाजिश रजा, साजिद इकबाल, राकिम अहसन, फैज मोहम्मद, शेख मोहम्मद अली, अखलाकुल इस्लाम, शाहिद कमाल, अफसर अली, मो शमीम अंसारी, साबिर अहमद, अब्दुल माजिद खान, अमीन अहमद, मोहतरमा आयरा नसीम, जाहिदा बेगम, सबिहा परवीन, सहला बेगम रजा, अनिसा बेगम और हेल्प फॉर पूअर एंड नीडी ग्रुप शामिल थे।

संघ के महासचिव अमीन अहमद ने कहा कि पारा शिक्षकों को सिर्फ सहायक अध्यापक बनाकर उनके आश्रितों को किसी प्रकार का वित्तीय लाभ सरकारी शिक्षकों की तरह नहीं दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। पारा शिक्षक वर्षों से शिक्षण कार्य कराते आ रहे हैं। आज  उनके आश्रितों को किसी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं मिलने पर उन्‍हें विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।

संघ के प्रवक्ता शहजाद अनवर ने मांग की है कि राज्य सरकार जल्द इसपर निर्णय लेते हुए सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) को भी सरकारी शिक्षकों की तरह सभी सुविधाएं दी जाय।