स्वरोजगार के लिए महिलाओं को दी जा रही पेपर प्लेट बनाने की ट्रेनिंग

झारखंड
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  • प्रशिक्षण से समाज में आयेगा परिवर्तन : एनएन झा

रांची। हमारे अंदर इच्छा होने पर हम काम के लिए कदम बढ़ाते हैं। ऐसे ही सार्थक प्रयास से हमारा जीवन सफल होता है। इस सफलता के लिए कुशलता जरूरी है, जो लगातार कौशल विकास से आता है। कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण सदैव ही एक प्रभावी माध्यम है, जिससे समाज में परिवर्तन आता है। उक्त बातें उषा मार्टिन के महाप्रबंधक (एचआर एवं आईआर) एनएन झा ने कहीं।  वह 18 नवंबर को झारखंड गवरमेंट टूल रूम में आयोजित स्वरोजगार कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उषा मार्टिन फॉउंडेशन के तत्वावधान में ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए पेपर प्लेट एवं दोना निर्माण के लिए हुनर निर्माण का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह एक माह तक चलेगा।

झा ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद महिलाओं में हूनर का विकास होगा। उन्‍हें स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा। कुशल महिलाएं ना केवल आत्मनिर्भर बनती है, बल्कि अपने परिवार और बच्चों का समुचित ढंग से व्यवस्था कर सकती है।

टूल रूम के प्राचार्य एमके गुप्ता ने कहा कि संस्थान का लाभ गांव के विकास में हो, इसके लिए कई प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं। उषा मार्टिन के सहयेाग से नियमित अंतराल पर प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलता है। एक महीने के प्रशिक्षण के बाद इच्छुक और प्रगतिशील महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने और अपना उत्पादन करने में सहयोग दिया जायेगा, ताकि शुरुआती दौर में कोई कठिनाई नहीं हो।

फाउंडेशन के सचिव डॉ मयंक मुरारी ने संस्था द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कारखाने के इर्द गिर्द के 18 गांवों में स्वरोजगार के लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।

मासु के तेजनाथ महतो ने बताया कि इस प्रशिक्षण का सदुपयोग कर पैसा का अर्जन करेंगे। दिसंबर से सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण शुरू किया जायेगा। कार्यक्रम में 25 महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन गौरव प्रियदर्शी और आशुतोष मिश्रा ने धन्यवाद किया। इस अवसर पर टूल रूम के कर्मचारी के अलावा फाउंडेशन के कर्मी उपस्थित थे।