BIHAR के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने यहां की थोड़ी-थोड़ी शराब पीने वालों की वकालत

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर थोड़ी-थोड़ी शराब पीने वालों की वकालत की है. श्री मांझी ने मंगलवार को दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून के कारण कई ऐसे गरीब लोग जेल में बंद हैं, जो आधा लीटर या क्वार्टर लीटर दारू पीकर पकड़े गए हैं.

यह अन्याय है, ऐसा नहीं होना चाहिए इस पर समीक्षा होनी चाहिए. ऐसे लोगों को नहीं पकड़ना चाहिए. जीतन राम मांझी ने कम पीने वालों की वकालत करते हुए कहा कि 250 ग्राम या सवा सौ ग्राम पीने वालों को जेल नहीं भेजा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि शराबबंदी खराब नहीं हैं. उसके क्रियान्वयन में गड़बड़ी हो रही है, क्योंकि इससे तस्कर मालामाल हो रहे हैं. लेकिन, गरीब जेल जा रहे हैं. ये अन्याय है, ऐसा नहीं होना चाहिए.

यहां बता दें कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपनी बेबाक टिप्पणियों से अक्सर विवाद खड़ा करते हैं.

इससे पहले उन्होंने बिहार के गरीबों को सलाह दी थी कि वो शराब पीने की कला अमीर लोगों से सीखें, जो नशा के बाद हंगामा नहीं करते और चुपचाप सो जाते हैं. मांझी ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही थी.

उन्होंने एक शराबी व्यक्ति की गिरफ्तारी के बारे में मीडिया में आई खबरों का जिक्र करते हुए कहा था कि अनर्थ हो रहा है. मामले में एक व्यक्ति काम के बाद शराब पीकर सड़क किनारे बैठकर हंगामा कर रहा था, तभी पुलिस वहां पहुंच जाती है और ब्रेथ ऐनलाइजर से जांच के बाद उसे जेल भेज दिया गया.

मांझी ने कहा था कि एक या दो पैग लेने में कुछ भी गलत नहीं है. उन्हें (गरीबों को) बड़े साहबों का अनुकरण करना चाहिए, जो चुपचाप रात में कुछ घूंट का आनंद लेते हैं और सो जाते हैं. इसलिए, कभी पकड़े नहीं जाते.

पूर्व मुख्यमंत्री ने चिकित्सकीय आधार पर सीमित मात्रा में शराब के फायदे बताने वाले अखबार के लेखों का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि गरीब, मजदूर चाहे वो किसी भी जाति, धर्म के हों, दिन भर कठिन मेहनत के बाद आराम चाहते हैं, लेकिन पीने के बाद हंगामा के कारण वो बदनाम हैं. अगर वो सही से पीना सीख जाएं और संयमित रहें, तो कोई परेशानी नहीं होगी.