लुगु बुरु के समग्र विकास पर खर्च किए जाएंगे 30 करोड़ रुपए

झारखंड
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  • विरासत में मिली इस परंपरा, रीति-रिवाज को और मजबूत करने के साथ आगे ले जाने का संकल्प लें

प्रशांत अंबष्‍ठ

गोमिया (बोकारो)। लुगु बुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ संताल आदिवासियों की आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा केंद्र है। यह उनकी धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा है। इस पवित्र धार्मिक स्थल के समग्र विकास पर 30 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 8 नवंबर को आयोजित अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस राशि से यहां  सौंदर्यीकरण के साथ पहाड़ तक जाने के लिए सड़क, लाइब्रेरी, शौचालय समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने सपरिवार पूजा अर्चना की

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सपरिवार लुगु बुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़, ललपनिया, बोकारो में लुगु बाबा की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर राज्य की उन्नति-सुख-समृद्धि-शांति-सद्भाव और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री के यहां स्थापित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

बेहतर संचालन के लिए गांवों में बनेगा भवन

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी बाहुल्य गांव में जनजातीय परंपराओं को बनाए रखने के लिए भवन बनाने की योजना सरकार बना रही है। यहां मानकी, मुंडा, परगनैत, मांझी शासन व्यवस्था का संचालन बेहतर तरीके से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के सभी पूजा स्थलों- सरना  स्थलों की घेराबंदी की जाएगी।

2 वर्षों के बाद भव्य और विशाल आयोजन

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से 2 सालों तक पूरी दुनिया की सारी व्यवस्थाएं ठप्प हो गई थी। इस वजह से कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लुगु बाबा के दरबार में पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालु नहीं आ सके थे। लेकिन, इस बार लुगू बाबा के दर्शन और आराधना के साथ अंतरराष्ट्रीय संताल सरना महासम्मेलन में देश-विदेश से लाखों की संख्या में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ यह बताने के लिए काफी है कि उनमें लुगू बाबा के प्रति कितनी आस्था है। हम विरासत में मिली इस परंपरा, रीति-रिवाज को और मजबूत करने के  साथ आगे ले जाने का संकल्प लें।

आदिवासियों को जागरूक और मजबूत होना होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कम शिक्षित होने की वजह से आदिवासी समुदाय अपने हक और अधिकार से वंचित रह जाता है। आदिवासी समाज को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक समेत हर दृष्टिकोण से मजबूत होना होगा। उन्हें अपने हक और अधिकार के लिए जागरूक होना पड़ेगा। तभी वे आगे बढ़ सकते हैं। आदिवासी समाज सशक्त और जागरूक होगा तो उनकी आने की पीढ़ी तरक्की के नए आयाम स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी, दलितों और अन्य वंचित वर्गो और तबकों के विकास के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

सरकार की योजनाओं का लाभ लें

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कई जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं। आप सभी इन योजनाओं से जुड़े और लाभ लें। आप आगे बढ़ेंगे तो समाज और राज्य भी आगे बढ़ेगा।  मेरा मानना है कि अगर आदिवासी समुदाय सशक्त और स्वावलंबी बन जाए तो उन्हें अपने और अपने परिवार के लिए सरकार से राशन का अनाज लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

इस अवसर पर मंत्री चम्पाई सोरेन, पूर्व विधायक जोगेंद्र प्रसाद महतो, जि‍ला परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुनीता देवी और लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोगाढ़ आयोजन समिति के अध्यक्ष बबुली सोरेन समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।