रांची। पारा शिक्षकों के मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बात सही साबित हुई। वर्तमान सरकार भी उनकी बात पर मुहर लगा दी है। उन्हें वेतनमान नहीं देने की बात कही। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो इस बारे में दो टूक कह दिया।
जानकारी हो कि राज्य में कार्यरत 65 हजार पारा शिक्षक काफी पहले से वेतनमान देने को लेकर आंदोलनरत हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में भी उन्होंने कई बार आंदोलन किया। इस मामले पर रघुवर दास ने उन्हें साफ-साफ कहा था कि परीक्षा पास किए बिना उन्हें वेतनमान दे पाना मुश्किल है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा था कि कोई भी सरकार पारा शिक्षकों को परीक्षा पास किए बिना वेतनमान नहीं दे सकती है। पूर्व सीएम ने कई बार बातचीत में पारा शिक्षकों को परीक्षा में शामिल होने की बात कही थी। इसका विरोध पारा शिक्षक संघ ने किया था। उनका कहना था कि वह इतने दिनों से पढ़ा रहे हैं, ऐसे में उनकी परीक्षा लेन उचित नहीं है।
अब वर्तमान सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्पष्ट कर दिया है कि पारा शिक्षकों को वेतनमान नहीं दिया जा सकता। उनका कहना है कि पारा शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं हुआ है।
बताते चलें कि पारा शिक्षकों को वर्तमान सरकार ने सहायक अध्यापकों का पदनाम दिया है। हालांकि वेतनमान देने से इंकार कर दिया है। उनके अनुसार पारा शिक्षकों की नियुक्ति में तकनीकी अड़चन है। आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया है।
मंत्री ने कहा कि अष्टमंंगल कमेटी के साथ हुई बैठक के आलाोक में नियमावली बनाई गई। इसके आधार पर पारा शिक्षकों के मानदेय में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उसी वक्त तय हो गया था कि उन्हें वेतनमान नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में उनके द्वारा वेतनमान की मांग करना गलत है।
पारा शिक्षक बिहार की तर्ज पर वेतनमान देने की मांग कर रहे हैं। मंत्री का कहना है कि बिहार की नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया है। मंत्री ने कहा कि पारा शिक्षकों के मानदेय में चार प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देने का निर्णय लिया गया।