तमिलनाडु। हैरान कर देने वाली खबर तमिलनाडु से आयी है। पढ़ें आगे। त्रिची मदुरै हाईवे से एक 400 साल पुरानी बेशकीमती मूर्ति बरामद की गई है।
पुलिस की आइडल विंग ने बताया कि यह मूर्ति सेतुपति वंश की एक शाही महिला की है, जिसे तस्कर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत में बेचने के लिए जा रहे थे।
आइडल विंग ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि तूतूकुडी के रहने वाले अरुमुगराज (56 वर्ष) और कुमारवेल (32 वर्ष) एक प्राचीन मूर्ति को बेचने जा रहे हैं, जिसके बाद टीम हरकत में आ गई।
मदुरै रेंज के एडीएसपी मलाइसामी के नेतृत्व में टीम ने तस्करों को पकड़ने के लिए अपने ही कुछ कर्मचारियों को अमीर खरीदार बताकर तस्करों से संपर्क करने की योजना बनाई।
उन्होंने तस्करों को विश्वास दिलाया कि खरीदार वह मूर्ति मनचाही कीमत पर ले लेंगे। बातचीत के दौरान ही टीम उस व्यक्ति का पता लगाने में सफल रहीं, जिसके पास प्राचीन मूर्ति थी।
आइडल विंग की टीम ने तस्करों से बातचीत के दौरान त्रिची जिले के रहने वाले मुस्तफा को मदुरै चार रोड जंक्शन पर प्राचीन मूर्ति लेने के लिया बुलाया। पुलिस ने तस्करों को झांसा देने के लिए 2 करोड़ 30 लाख रुपये में मूर्ति खरीद की डील पक्की कर ली।
इसके बाद जब तस्कर तय जगह पर पहुंचे, तो पुलिस ने मौके से मुस्तफा, अरुमुगराज और कुमारवेल गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद तस्करों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन्होंने शिवगंगई जिले में रहने वाले सेल्वाकुमार नाम के व्यक्ति से यह मूर्ति ली थी। उनकी निशानदेही पर बाद में पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया।
इसके बाद उससे पता चला कि यह मूर्ति पिछले 12 साल से उसके पास थी। उसके पिता नागराजन के पास यह मूर्ति थी, लेकिन पांच साल पहले उनकी मौत के बाद यह उसके पास थी।
उसने बताया कि उसके पिता नागराजन एक ज्योतिषी थे। उन्होंने शिवगंगा के एक नारियल व्यापारी से यह मूर्ति ली थी। हालांकि आइडल विंग की टीम अभी तक उस नारियल व्यापारी तक नहीं पहुंच पाई है। उसकी तलाश जारी है। जानकारी में पता चला कि सेल्वाकुमार ने कुछ हफ्ते पहले तस्करों से मुलाकात की थी।