झारखंड के +2 स्‍कूलों में 5610 शिक्षक और 690 प्रयोगशाला सहायक की नियुक्ति जल्‍द

झारखंड शिक्षा
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  • कार्मिक विभाग को भेजी जा चुकी है अधियाचना, सीएम ने शिक्षा विभाग की समीक्षा की

रांची। सरकारी स्‍कूलों में बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा और पढ़ाई से संबंधित समुचित  सुविधाएं मिले, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उक्‍त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 19 जुलाई को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में कही। इस बैठक में उन्होंने शिक्षक नियुक्ति, मॉडल स्कूलों के संचालन और सरकारी विद्यालयों में आईसीटी कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई निर्देश दिए ।

50 हजार पदों के सृजन की मंजूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की वजह से पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये। विभाग की ओर से बताया गया कि सहायक आचार्य के लगभग 50 हजार पदों के सृजन के प्रस्ताव पर प्रशासी पदवर्ग समिति की स्वीकृति मिल गई है। इस पर मंत्रिमंडल की स्वीकृति ली जानी है। वहीं, +2 विद्यालयों में 5610 शिक्षक और 690 प्रयोगशाला सहायक के पदों पर बहाली के लिए कार्मिक विभाग को अधियाचना भेजी जा चुकी है। मॉडल स्कूलों में 979 शिक्षक और 267 प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्ति के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में आधुनिक तरीके से बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। जिन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई की व्यवस्था है, वहां सॉफ्टवेयर और ई- कंटेंट को नियमित रूप से अपडेट किया जाना चाहिए। विभाग द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 974 विद्यालयों में आईसीटी लैब अधिष्ठापित किए जा चुके है। इस वर्ष के अंत तक 3920 विद्यालयों में इसे चालू कर दिया जाएगा। माध्यमिक विद्यालयों के साथ मध्य विद्यालय में भी आईसीटी लैब स्थापित करने की योजना पर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

विद्यालयों की जियो टैगिंग कराएं

मुख्यमंत्री को विभाग के सचिव ने अवगत कराया कि राज्य में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए 89 पिछड़े प्रखंडों में मॉडल स्कूल स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 84 स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। प्रखंड स्तर पर स्थापित इन विद्यालयों में झारखंड एकेडमिक काउंसिल के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन होता है। हालांकि, हॉस्टल अथवा परिवहन की सुविधा नहीं होने से बच्चों को स्कूल आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से कई बच्चे नामांकन नहीं कराते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विद्यालयों में बच्चों के स्कूल में उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए सभी विकल्पों को ध्यान में रखकर आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने ही सभी विद्यालयों का जिओ टैगिंग कराने का भी निर्देश दिया।

बैठक में सीएस सहित ये मौजूद

इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा जेईपीसी की राज्य परियोजना निदेशक श्रीमती किरण कुमारी पासी और निदेशक माध्यमिक शिक्षा सुनील कुमार मौजूद थे।