रांची। शिक्षक संघों ने स्थानांतरण नीति को अपूर्ण और खामीयुक्त बताया है। इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। इस बीच प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों के अंतर जिला तबादले का प्रस्ताव मांगा है। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक दिलीप कुमार टोप्पो ने 15 जून को सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है।
जानकारी हो कि राज्य के सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के स्थानांतरण नीति तय की गई है। इसका संकल्प 6 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था। इस नीति में 8 जून, 2022 द्वारा कतिपय संशोधन किया गया है।
इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद शिक्षा मंत्री ने 9 जून को बैठक बुलाई थी। इसमें विभिन्न शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। उनसे समस्या और सुझाव मांगे गये थे। इस दौरान अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा था कि शिक्षक स्थानांतरण नियमावली अभी भी अपूर्ण और खामीयुक्त है। अभी भी अंतर जिला स्थानांतरण में कठिनाईयां यथावत बनी रहेगी।
आपत्ति को दरकिनार कर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। निदेशक ने पत्र में लिखा है कि विभागीय संकल्प (संख्या-2093, दिनांक 6.6.2019) और अधिसूचना (संख्या-1556, दिनांक 8.6.2022) के आलोक में राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण के लिए प्रस्ताव नियमानुसार उपलब्ध कराया जाय।