मंकीपॉक्स को हल्के में लेना हो सकती है भूल, जानिए WHO का क्या है कहना…

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नई दिल्ली। मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिंता जताई है। इस बीमारी को लेकर सख्त रुख अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि मंकीपॉक्स को छोटी बीमारी समझना बड़ी भूल हो सकती है। WHO की महामारी और रोकथाम के प्रमुख सिल्वी ब्रायंड ने दुनिया भर में मंकीपॉक्स के मामलों की बढ़ती संख्या के बारे में चिंता जताई है।

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा है कि वह इस बात पर विचार कर रही है कि क्या इस बीमारी को अंतराष्ट्रीय पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी या PHEIC के तौर पर देखा जाना चाहिए या नहीं। संपर्क में आकर फैलने वाले मंकीपॉक्स में हल्का बुखार आता है। इसमें फ्लू जैसे लक्षण होते हैं और त्वचा के घाव बन जाते हैं, जिसमें मवाद निकलता है। अब यह बीमारी पूरे यूरोप में फैल गई है।

डब्ल्यूएचओ को दो दर्जन देशों में करीब 400 संदिग्ध और कन्फर्म मामलों का पता चला है। ब्रिटेन में पहला कन्फर्म मामला 7 मई को सामने आया था। जब पूछा गया कि क्या मंकीपॉक्स महामारी बन सकता है तो WHO हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम की टेक्निकल हेड रोसमंड लुईस ने कहा, ‘हम नहीं जानते लेकिन हमें ऐसा नहीं लगता।’

मंकीपॉक्स चेचक से संबंधित है, जिसने 1980 में इसके उन्मूलन से पहले हर साल दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ली थी। मंकीपॉक्स बहुत कम गंभीर है, और अधिकांश लोग तीन से चार सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं।