रांची। मुबारक, मुबारक, मुबारक, मुबारक…., ये दिन मुबारक हमको, हमको…ये दिन मुबारक तुमको, तुमको…ये दिन मुबारक सबको…याद कर लो अपने रब को…झूमेंगे, नाचेंगे, गाएंगे हम सब…। सोमवार की शाम दीदार-ए-चांद के साथ ही माहभर का इंतजार खत्म हो गया।
मंगलवार को ईद मुबारकबाद का वक्त आ गया। वैसे चांद दिखने के साथ ही चहुंओर जश्न-ए-ईद की खुशियां छा गईं। चांद मुबारक, ईद मुबारक..के बोल से फिजाएं गूज उठीं। लोग एकदूजे को बधाई देकर गले मिल सौहार्द का पैगाम बिखेरने लगे। मीठी सेवइयों के खाने का सिलसिला शुरू हो गया। सोमवार की देर शाम तक बाजार में रौनक छाई रही। लोगबाग ईद की खरीदारी और तैयारियों में मशगूल रहे।
मंगलवार को जामा मस्जिद हजारीबाग समेत विभिन्न मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज का वक्त मुकर्रर है। सुबह आठ बजे से कहीं एक, तो कहीं दो वक्त की नमाज के बाद अकीदतमंद जश्न -ए-ईद में डूब जाएंगे। इधर सुल्तानुल हिन्द मस्जिद इमाम अब्दुल वाहिद मिस्बाही की सरपरस्ती में काफी संख्या में अकीदतमंदों ने खुतबा सुन नमाज पढ़ कर परवरदिगार से अमन, भाईचारगी, सद्भाव यूं ही अपने देश में बना रहने की सामूहिक दुआएं कीं।
इस मौके पर शांति समिति सदस्य सह सामाजिक कार्यकर्ता व राजद हजारीबग जिला अध्यक्ष संजर मलिक ने कहा कि रमजान का यह पाक माह हमें हर बुराइयों से रोकता है और नेक राह की तरफ ले जाता है। जितना हो सके इबादत करना ही मकसद है और एलाही का फरमान पूरा करना ही फर्ज है। जिस्म की भी वर्जिश हो जाती है।