बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। कुसमुंडा में जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे भूविस्थापितों के आंदोलन की आंच एसईसीएल मुख्यालय तक पहुंच गई है। भूविस्थापितों ने गुरुवार को बिलासपुर स्थित एसईसीएल मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। इस दौरान दो घंटे तक मुख्यालय का गेट बंद रहने से आवाजाही बंद रही। कामकाज प्रभावित हुआ।
जमीन के बदले रोजगार देने और लंबित रोजगार प्रकरणों के शीघ्र निपटारे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे भूविस्थापितों का सब्र टूटता जा रहा है। पिछले दिनों दो प्रकरणों के निराकरण से इस आंदोलन को और बल मिला है। आंदोलन के दबाव में एसईसीएल को ‘न्यूनतम दो एकड़ अधिग्रहण पर एक रोजगार’ देने का अपना नियम बदलना पड़ा है। भूविस्थापितों की मांग थी कि भूमि सीमा की बाध्यता को खत्म करते हुए हर अर्जन पर स्थाई नौकरी दी जाए। इन दो नियुक्तियों से इस मांग की वैधता साबित हुई है।
लंबित रोजगार प्रकरणों पर आंदोलनकारियों की प्रबंधन से वार्ता हुई। छत्तीसगढ़ किसान सभा की ओर से प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, रोजगार एकता संघ की ओर से दामोदर श्याम, रेशम यादव, राधेश्याम, बलराम, रघु, मोहनलाल, बजरंग सोनी, राजेश यादव, बेदराम ने और प्रबंधन की ओर से निदेशक तकनीकी (पीएंडपी) एसके पाल, कुसमुंडा महाप्रबंधक एसके मिश्रा, बिलासपुर मुख्यालय से एके संतोषी, एमएम देशकर, कुसमुंडा कार्यालय से कपिल चौहान और जाकिर हुसैन आदि ने हिस्सा लिया।
निदेशक तकनीकी ने कहा कि नियमों को शिथिल करते हुए प्रत्येक खातेदार को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। डबल अर्जन में दो रोजगार दिया जायेगा। भूविस्थापितों ने लंबित रोजगार प्रकरणों में वन टाईम सेटलमेंट के आधार पर रोजगार देने पर जोर दिया। बैठक में भूविस्थापितों ने एसईसीएल के अधिकारियों से कहा कि 15 दिनों में सभी खातेदारों को रोजगार देने को लेकर उचित कार्रवाई नहीं होने पर खदान बंद और बिलासपुर मुख्यालय में तालाबंदी की जाएगी। आंदोलनकारियों के अनुसार बैठक सकारात्मक रही। इसके अच्छे नतीजे निकलकर आने की संभावना है।
प्रदर्शन में अनिल बिंझवार, हेमलाल, रघुनंदन, मोहन कौशिक, रामप्रसाद, पुरषोत्तम, नरेश, अशोक, दीपक, लच्छि राम, सम्मेलाल, गोरेलाल, सनत, पुनीत, कृष्ण कुमार, नारायण, नरेंद्र, होरीलाल सहित भूविस्थापित उपस्थित थे।