कभी डराती थी गोलियों की तड़तड़ाहट, आज आकर्षित कर रही केसर की सुगंध

कृषि झारखंड
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प्रशांत अंबष्‍ठ

गोमिया (बोकारो)। कभी गोलियों की तड़तड़ाहट लोगों को डराती थी। पूरा गांव लाल आबो हवा और आतंक से थर्राता था। आज उसी गांव से उठ रही केसर की सुगंध लोगों को आकर्षित कर रहा है। यह बदलाव झारखंड के बोकारो जिले के अति उग्रवाद प्रभावित गोमिया प्रखंड की बड़की सिधावारा पंचयात के झुमरा पहाड़ के तराई इलाके के रोला गांव में देखने को मिल रहा है।

गांव के किसान अनिल कुमार महतो ने यहां केसर की खेती कर एक मिसाल पेश की है। उनके इस प्रयास से जुड़कर गांव के अन्य 2 किसान भी केसर की खेती कर रहे हैं। अनिल ने अपनी 80 डिसमिल जमीन में केसर का बीज डालकर उसके पौधे तैयार किए। आज पौधे केसर के फूल के रूप में खि‍ल चुके हैं। इसे देखकर गांव के दो और किसानों ने भी इसकी खेती की है।

अनिल ने केसर की खेती यूट्यूब पर देखकर की। उसने बताया कि कोरोना में लॉकडाउन लगने के कारण वे कुछ नया करने का सोच रहे थे। इसी दौरान उन्होंने केसर की खेती करने की सोची। इस प्रयास में जुट गए। अनिल इसे अपनी उपलब्धि तो मानते हैं, लेकिन उनके मन में बाजार को लेकर डर भी सता रहा है। वह चाहते हैं कि सरकार उनके इस प्रयास में साथ आए और बाजार उपलब्ध कराएं।