नई दिल्ली। कोरोना की नई लहर की आशंका के बीच बच्चों का खास ख्याल रखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है। अब 6 से 12 साल के बच्चों को कोरोना का टीका लगाने का फैसला लिया है।
कोरोना की बाकी लहरों में बच्चों पर ज्यादा गंभीर नहीं हुआ था, लेकिन इस बार बच्चे इस नए XE वेरिएंट की चपेट में आ रहे हैं। खासतौर से स्कूल खुलने के बाद इन मामलों में बढ़ोतरी की और आशंका जताई जा रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले तीन हफ्तों में बच्चों में फ्लू जैसे लक्षणों में बढ़ोतरी नजर आई है।
ऐसे में अगर बच्चे को कोरोना वायरस होता भी है तो भी माता-पिता को इसके लिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि बच्चों में कोरोना के लक्षण काफी माइल्ड है और समय पर इलाज करवाने से बच्चे जल्दी ठीक भी हो रहे हैं।
हालांकि इन लक्षणों की समय रहते पहचान जरूरी है। बच्चों में कोरोना के XE वेरिएंट के लक्षण XE वेरिएंट को कोविड -19 के पिछले वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है।