चुनघट्टी नदी पर मात्र चार घंटे में ग्रामीणों ने बनाया दो बोरीबांध

झारखंड
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  • मोर, वन सुकर, जंगली मुर्गियों और गाय-बकरियों की बुझेगी प्यास

खूंटी। जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत खूंटी सदर प्रखंड अंतर्गत फुदी गांव के चुनघट्टी नदी पर मदईत परंपरा के तहत चार घंटे में दो बोरीबांधों का निर्माण किया गया। बता दें कि खूंटी जिले में पिछले तीन सालों से जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसाईटी और क्षेत्र की ग्रामसभाओं के संयुक्त तत्वावधान में जनशक्ति से जलशक्ति अभियान चलाकर बोरीबांधों का निर्माण कर जल संरक्षण किया जा रहा है। गांव की बेटी सबीता संगा द्वारा ग्रामसभा कर गांव के लोगों को बोरीबांध का महत्व बताया गया। ग्रामीणों को बारीबांध बनाने के लिए प्रेरित किया गया। इसके बाद ग्रामसभा में हुए निर्णय के अनुसार 60 से ज्यादा ग्रामीण महिला-पुरूषों ने मदईत (श्रमदान) कर बांध बनाने का काम किया।

पानी छलकते खुशियां दोगुनी

मदईत परंपरा के तहत सामूहिक भोज का आयोजन हुआ। एक तरफ गांव की महिलाएं खाना पका रहीं थीं, तो दूसरी ओर पुरूष बोरीबांध बनाने में जुटे थे। गांव के छोटे बच्चे मछलियां पकड़ने में व्यस्त थे। खुशनुमा माहौल में ग्रामीणों ने बोरीबांध का निर्माण किया। जब बांध बनकर तैयार हुआ पानी छलछलाने लगा, तब खुशियां दोगुनी हो गई।

वन जीवों की बुझेगी प्यास

फुदी गांव के ग्रामप्रधान बुधु मुंडा ने कहा कि जंगलों के बीच बनाये गए बोरी बांध वन जीवों मोर, जंगली मुर्गी, जंगली सुकर समेत गाय-बकरियों की प्यास बुझेगी। गर्मी के दिनों में जब नदी सुख जाती थी, तब वन जीवों को पानी के लिए भटकते देखा जाता था। अब बांध बनने से उनकी परेशानी दूर होगी। इसके साथ ही भूगर्भिय जलस्तर बढ़ेगा। जंगल आबाद होंगे, किसान खेती-बारी कर सकेंगे।

इन ग्रामीणों ने किया श्रमदान

ग्रामप्रधान बुधु मुंडा, सोबा मुंडा, विशुन महतो, मंगनू मुंडा, सबीता संगा, धन्नी संगा पाहन, सुसारन संगा, प्रभुदान डेरे संगा, दयाल संगा, दानियल कच्छप, प्रभुसहाय संगा, मार्शल संगा, मार्टिन संगा, चरकी देवी, बालमनी देवी, देवंती देवी, लालो देवी, झालो देवी, सिबन देवी, चुमानी उरांव, एयोन संगा समेत संपूर्ण ग्रामसभा के सदस्यों ने श्रमदान किया।