स्कूल के पुस्‍तकालय के लिए एसएमसी को करनी है खरीद, पैसा ट्रांसफर करने में पेंच

झारखंड शिक्षा
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रांची। झारखंड के राजकीय प्रारंभिक विद्यालयों के पुस्‍तकालय को सुदृढ करना है। इसके लिए सामग्री की खरीद की जिम्‍मेवारी विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) को दी गई है। हालांकि समिति को पैसा ट्रांसफर करने में पेंच है। इसका खुलासा झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् की निदेशक किरण कुमारी पासी के 21 मार्च को जारी आदेश में हुआ है। निदेशक ने इसकी जानकारी सभी क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सभी जिला शिक्षा अधीक्षक-सह-अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को भी दी है।

निदेशक ने पत्र में लिखा है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य के 1000 राजकीय प्रारंभिक विद्यालयों के पुस्तकालयों के सुदृढीकरण के लिए राशि का प्रावधान ज्ञानोदय योजना के अंतर्गत किया गया है। वर्तमान में विभिन्न माध्यमों से उपलब्ध कराए जा रहे पुस्तकों के डेटा संग्रह और मानक प्रक्रिया के अनुसार विद्यालयों में पुस्तकालय के अवधि संचालन एवं विद्यार्थियों की इच्छा अनुसार पुस्तकालय से पुस्तकों को एक नियत अवधि के लिए अपने घर ले जाने तथा वापस करने संबंधी सुविधाओं इत्यादि की कमी देखी जा रही है। विद्यालयों में भी पुस्तकालय कक्ष में पुस्तकों के बेहतर रख-रखाव की सुविधा में घोर कमी देखी जा रही है।

निदेशक ने लिखा है कि उक्त कारणों से पुस्तकालय के सफल एवं प्रभावी संचालन में व्याप्त कमी को देखते हुए पुस्तकालय के बेहतर संचालन के लिए ज्ञानोदय योजना के अंतर्गत प्रथम फेज में राज्य के 1000 प्रारंभिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 एवं कक्षा 6 से 8 के लिए प्रावधान किये गये है। उक्त कार्य के लिए राशि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् के PL खाते में प्राप्त हुई है, जिस कारण विद्यालयवार विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में हस्तांतरित नहीं की जा सकती है।

उक्त आलोक में ये निर्देश दिये गये

कक्षा 6 से 8 के लिए 10 Iron Book Shelves और कक्षा 1 से 5 के लिए 10 Wooden Shelves एवं 10 Hanging pocket jute bag का प्रावधान किया गया है।

Iron book shelves के लिए 5000 रुपये प्रति यूनिट, Wooden shelves के लिए 5000 रुपये प्रति यूनिट और Hanging pocket jute bag के लिए 350 रुपये प्रति यूनिट स्वीकृत किया गया है। इस प्रकार प्रति विद्यालय 1 लाख 3 हजार 500 रुपये स्वीकृत किया गया है।

विद्यालय स्तर पर विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा सभी क्रय सुनिश्चित की जायेगी। सभी कार्य 30 अप्रैल, 2022 तक विद्यालय स्तर पर अनिवार्य रूप से पूर्ण कराते हुए विपत्र एवं समेकित प्रतिवेदन झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है।