- राजधानी पटना के गर्दनीबाग मे होगा धरना-प्रदर्शन
मोतिहारी। बिहार के करीब 17,500 अप्रशिक्षित शिक्षकों का दो वर्ष से वेतन बकाया है। उन्हें सेवामुक्त किया जा रहा है। वेतन भुगतान करने, कार्रवाई पर रोक लगाने के साथ सेवामुक्त शिक्षकों की पुनः सेवा में बहाली के लिए बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ 23 मार्च से आंदोलन करेगा। इस क्रम में राजधानी पटना के गर्दनीबाग में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
संघ के प्रदेश प्रवक्ता मो मशकूर आलम ने बताया कि 7 फरवरी, 2022 को शिक्षा मंत्री, प्रधान शिक्षा सचिव, प्राथमिक शिक्षा निदेशक को मांगों को लेकर आवेदन सौंपा गया था। समाधान करने का अनुरोध किया था। उपरोक्त मांगों पर सरकार द्वारा शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाने पर बाध्य होकर धरना-प्रदर्शन करने की बात कही गई थी। आवेदन देने के बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा इस संदर्भ में कोई ठोस पहल नहीं की गई। उल्टे उन शिक्षकों पर सेवामुक्त जैसी कार्रवाई की जा रही है। इसके मद्देनजर संघ बाध्य होकर 23 मार्च से 26 मार्च, 2022 तक पटना के गर्दनीबाग में धरना-प्रदर्शन कर रहा है।
संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नवलकिशोर सिंह ने कहा है कि अप्रशिक्षित शिक्षकों का दो वर्ष से वेतन बकाया रहने से उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। परिवार के लोग दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं। कई अप्रशिक्षित शिक्षक और उनके परिवार के सदस्य गम्भीर बीमारी से ग्रस्त हैं। पैसे के अभाव में वे अपना और परिवार के सदस्यों का समुचित इलाज तक नहीं करा पा रहे हैं। कई शिक्षक और उनके परिवार के सदस्यों की मौत हो चुकी है। कई की स्थिति गंभीर है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर ने कहा पटना उच्च न्यायालय ने अप्रशिक्षित शिक्षक सेवा में यथास्थिति बनाये रखने और वेतन भुगतान करने का भी निर्देश दिया गया है। अप्रशिक्षित शिक्षकों से संबंधित 223 याचिका को न्यायालय ने एकसाथ टैग कर दिया है। करीब-करीब बिहार के सभी अप्रशिक्षित शिक्षक की याचिका cwjc-16214 में टैग कर दिया गया है। ऐसे में उन्हें सेवामुक्त करना और वेतन से वंचित रखना मानवाधिकार का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है।
संघ के पदधारियों ने कहा कि सभी समस्याओं का निराकरण को लेकर 23 मार्च से 26 मार्च तक पटना के गर्दनीबाग मे धरना-प्रदर्शन को रहा है। निराकरण होने तक आंदोलन चलता रहेगा।