हिंदी, मगही व भोजपुरी को लागू करने की उठी मांग, ग्रामीणों ने जाम की दी धमकी

झारखंड
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विवेक चौबे

गढ़वा। भाषा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गढ़वा जिले के लोगों हिंदी, मगही व भोजपुरी भाषा को लागू करने की मांग की है। इस संबंध में सरकार के नाम प्रखंड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। मांगें पूरी नहीं होने पर सड़क से लेकर विधानसभा तक आंदोलन करने की बात कही। जाम की धमकी दी।

इस संबंध में कांडी प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों के नवयुवक और उनके अभिभावकों ने ज्ञापन सौंपा। इसमें पतरिया, भुड़वा, जतरो सहित अन्य गांव के भी लोग शामिल थे। उन्‍होंने कहा है कि मांगें पूरी नहीं होने पर सड़क से सदन तक जाम कर देंगे। उन्‍होंने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा हिंदी, मगही व भोजपुरी भाषा को सभी प्रकार की परीक्षाओं से बाहर कर दिया गया है। नागपुरी, खोरठा और उर्दू को अनिवार्य कर दिया गया है।

लोगों ने कहा कि पलामू प्रमंडल के लोग मूल रूप से हिंदी, मगही और भोजपुरी भाषा ही बोलते हैं। यहां का मूल भाषा हिंदी, मगही व भोजपुरी है। हमारे बच्चे-बच्चियां हिंदी, मगही व भोजपुरी भाषा स्वतः बोलते हैं। इसलिए हमारी आनी वाली पीढ़ी की जिंदगी बर्बाद नही की जाए। यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होगी, तो हम सब जोरदार आंदोलन करेंगे। सड़क से सदन तक जाम कर देंगे।

आवेदन सौंपने वालों में प्रिंस कुमार, अनवर अंसारी, धीरेन्द्र कुमार, नित्येन्द्र कुमार, मन्नू कुमार, सुरेंद्र शर्मा, सीता देवी, सुनीता देवी, श्रद्धा देवी, सुमन देवी, प्रभा देवी, बैजंती देवी, अमृता देवी सहित कई नवयुवक व उनके अभिभावकों शामिल थे।

वहीं झामुमो प्रखंड अध्यक्ष मुन्ना ठाकुर और सचिव ने उपस्थित लोगों को आश्वासन देते हुए पार्टी के जिलाध्यक्ष को अवगत कराने और मांगों को पूरी कराने में योगदान देने की बात कही।