नक्सली आतंक : इस बार भी बूढ़ापहाड़ इलाके में नहीं लगेगा ट्रैकिंग कैमरा, खतरे में बाघ

झारखंड
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पलामू। पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) समेत पूरे देश में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया बाघ गणना करा रही है। पीटीआर में बाघ गणना 2021 के लिए ट्रैपिंग कैमरा लगाने का काम चल रहा है। इस बीच पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने पीटीआर के बूढ़ापहाड़ इलाके में टाईगर सेंसस इंडिया 2021 के लिए ट्रैपिंग कैमरा लगाने की योजना छोड़ दी है।

इसके पीछे नक्सलियों के डर को वजह बताया जा रहा है। हालांकि पीटीआर अधिकारी कैमरे के सामने इस मामले में कुछ बोलने से बच रहे हैं। पलामू टाइगर रिजर्व 1129 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका 30 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बूढ़ा पहाड़ से लगा है, जिसे नक्सलियों का गढ़ माना जाता है।

बाघों की गिनती के लिए पीटीआर इलाके में 300 ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं, जबकि फरवरी के अंत तक 1000 कैमरे लगाने की योजना है। पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के अनुसार फरवरी के अंत तक पूरे पीटीआर में बाघों की गिनती के लिए ट्रैकिंग कैमरे लगाने का काम पूरा कर लेना है। पहले इस इलाके में भी कैमरे लगाए जाने की बात कही जा रही थी।

इससे पहले बाघ गणना 2018 के लिए भी नक्सलियों के खौफ के चलते पीटीआर के बूढ़ापहाड़ इलाके में ट्रैकिंग कैमरे नहीं लगाए जा सके थे। बूढ़ा पहाड़ इलाका माओवादियों के लिए सुरक्षित बताया जाता है। इस इलाके में प्रशासन की पहुंच बड़ी चुनौती है, जबकि इलाके में सुरक्षा बलों के आधा दर्जन कैंप भी है।