राष्ट्रीय कार्य समूह ने बीएयू के शोध कार्यों को सराहा

झारखंड
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  • बीएयू वैज्ञानिकों ने औषधीय शोध कार्यो की प्रगति को बताया

रांची। राष्ट्रीय स्तर पर औषधीय एवं सगंधीय पादप कार्य समूह की दो दिवसीय बैठक वर्चुअल माध्यम से शुक्रवार को शुरू हुई। इसमें बीएयू में कार्यरत आईसीएआर-अखिल भारतीय समन्वित औषधीय एवं सगंधीय पादप शोध परियोजना के परियोजना अन्वेंषक डॉ कौशल कुमार सहित वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार एवं डॉ अरुण कुमार तिवारी और शोधार्थी डॉ दिवाकर प्रसाद निराला शामिल हुए।

मौके पर वैज्ञानिकों ने गिलोय की खेती में समेकित पोषक तत्व प्रबंधन, गिलोय की जैविक खेती और सर्पगंधा की मौसमी खेती सबंधित शोध उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। वैज्ञानिकों ने रांची केंद्र की औषधीय एवं सगंधीय पादप भावी शोध कार्यक्रमों को रखा और कार्य समूह की चर्चा में भाग लिया।

इस 28वें कार्य समूह की बैठक का आयोजन गुजरात के आनंद स्थित आईसीएआर-औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय द्वारा किया जा रहा है। इसमें पूरे देश में कार्यरत 21 शोध केंद्रों से औषधीय एवं सगंधीय पादप शोध से जुड़े करीब 70 वैज्ञानिक भाग ले रहे है। इस अवसर पर आईसीएआर उपमहानिदेशक (नई दिल्ली) डॉ एके सिंह ने बीएयू द्वारा प्रकाशित औषधीय पादप क्षेत्र में विशेष उपलब्धि विषयक पुस्तक का विमोचन किया।

बैठक में निदेशालय (आनंद) के नेशनल डायरेक्टर डॉ सत्याजीत राय ने राष्ट्रीय स्तर पर औषधीय एवं सगंधीय पादप क्षेत्र की शोध सफलता एवं सफल कहानियों को विस्तार से रखा। बीएयू द्वारा स्थापित एलोवेरा विलेज और गिलोय के चिन्हित 30 जर्म प्लाज्म का संरक्षण की सफलता का विशेष उल्लेख किया। केंद्र के कार्यो की सराहना की। यह जानकारी परियोजना अन्वेंषक डॉ कौशल कुमार ने दी।