गुमला : शहीद तेलंगा खड़िया के आठ वंशजों ने किया पलायन, मजदूरी के लिए गए गोवा

झारखंड देश
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गुमला। अंग्रेजों से लड़ने व जमींदारी प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने वाले वीर शहीद तेलंगा खड़िया के वंशज गरीबी व बेरोजगारी में दूसरे राज्य पलायन कर रहे हैं। करीब एक माह पहले शहीद के आठ वंशज काम करने के लिए गोवा चले गए। ये लोग गोवा के होटल में वेटर, कपड़ा दुकान व पत्थर तोड़ने का काम कर रहे हैं। शहीद के गांव के अन्य दो दर्जन से अधिक युवक-युवतियां भी पलायन कर गए हैं।

गुमला से 25 किमी दूर सिसई प्रखंड के नागफेनी घाघरा गांव में शहीद तेलंगा खड़िया के 16 परिवार रहते हैं। इस गांव में रोजगार का कोई साधन नहीं है। विकास का काम नहीं हो रहा है। गरीबी में लोग जी रहे हैं। घर का कोई सदस्य बीमार होने पर इलाज कराने के लिए खेती योग्य जमीन गिरवी रखनी पड़ती है। इसलिए शहीद के वंशज पैसा कमाने के लिए गोवा चले गए। अधिकांश युवक-युवती पढ़ने-लिखने वाले हैं। कई युवा कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर मजदूरी करने गोवा चले गए। शहीद के परपोता का नाम जोगिया खड़िया है।

जोगिया के पुत्र विकास खड़िया की पढ़ाई के लिए सरकार ने मदद नहीं की। विकास गुमला शहर के एसएस बालक हाई स्कूल में इंटर 11वीं कला संकाय में पढ़ता है। कुछ माह पहले मां पुनी देवी बीमार हो गई थी। उसके इलाज में 65 हजार रुपए खर्च हुए। पैसे नहीं थे। डेढ़ एकड़ जमीन गिरवी रखी। अब गिरवी रखे जमीन को मुक्त कराने के लिए विकास पढ़ाई लिखाई छोड़कर गोवा में मजदूरी करने गया है।

प्रशासन ने शहीद के घाघरा गांव को गोद लिया है। कुछ माह पहले आइटीडीए निदेशक इंदू गुप्ता ने गांव जाकर विकास करने का वादा भी किया था। शहीद के वंशज कहते हैं कि जब वह अपनी आवाज उठाते हैं, तो प्रशासन बस कुछ किलो चावल दे देता है।