अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर बांटे गये सहायक यंत्र

झारखंड
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चाईबासा। हर साल 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिव्यागों की चुनौती, बाधा और अवसरों को चिह्नित करने एवं वैश्विक समुदाय के प्रयासों को एक अधिक समावेशी समाज की दिशा में निर्देशित करने के अवसर के रूप में भी मनाया जाता है। इस वर्ष दिव्यागों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का थीम ‘एक समावेशी, सुलभ और टिकाऊ कोविड-पश्चात दुनिया की दिशा में दिव्यागों का नेतृत्व और भागीदारी’ है।

उपर्युक्त के मद्देनजर टाटा स्टील फाउंडेशन ने झारखंड सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से सबल सेंटर में यह विशेष दिवस मनाया। इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) को 29 सहायक यंत्र प्रदान किये गये। उनके बीच व्हील चेयर, बैसाखी, चलने की छड़ी, सफेद छड़ी और मल्टी सेंसरी इनक्लूसिव एजुकेशनल (एमएसआईईडी) किट भी वितरित किये गये। एमएसआईईडी एक अद्वितीय और अभिनव किट है, जिसे सेरेब्रल पल्सी, ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम और ऐसी ही अन्य मानसिक अक्षमता और विशेष जरूरतों से पीड़ित विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है।

दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) के लिए सहायक यंत्रों का वितरण शिविर 29 नवंबर, 2021 को शुरू हुआ था। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, प्रो. अब्दुल बारी मेमोरियल हाई स्कूल और रेसीडेंशियल ब्रिज कोर्स, नोआमुंडी के विद्यार्थियों द्वारा बनाये गये दिव्यांगजनों से जुड़े चित्र लोगों के आकर्षण का केंद्र था।

शिरीष शेखर, चीफ, नोआमुंडी आयरन माइन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। डॉ धीरेंद्र कुमार, चीफ मेडिकल ऑफिसर हॉस्पीटल कार्यक्रम के सम्मनित अतिथि और जीटी रेड्डी, महासचिव, नोआमुंडी मजदूर यूनियन विशिष्ट अतिथि थे।

कार्यक्रम का आयोजन अनिल उरांव (हेड सीएसआर), तुलसी गणवीर (यूनिट हेड) और सबल सेंटर के संतू दास, शिवेंद्र सिंह और मंजू शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया।