पलामू। पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में वर्षों से लंबित टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन की राशि के इस्तेमाल को हरी झंडी मिल गई है। करीब एक पखवाड़े पहले विभागीय सचिव और पीटीआर के टॉप अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसी बैठक में टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन की राशि के इस्तेमाल को स्वीकृति मिली है। स्वीकृति मिलने के बाद पीटीआर प्रबंधन इस राशि का इस्तेमाल मजदूरों को मानदेय के भुगतान में करेगा। फाउंडेशन में करीब डेढ़ करोड़ रुपए जमा हैं।
पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1029 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। पलामू टाइगर रिजर्व के साउथ और नॉर्थ डिवीजन में 300 से अधिक डेली वेजेज कर्मचारी हैं, जिनमें ट्रैकर और सफाईकर्मी भी शामिल हैं। पीटीआर में काम करने वाले डेलीवेजकर्मियों को पिछले 10 महीने से मानदेय नहीं मिला है। फाउंडेशन के फंड के इस्तेमाल होने से डेलीवेजकर्मियों को मानदेय दिया जा सकेगा।
पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष बताते हैं कि इस राशि से ट्रैकर समेत अन्य मजदूरों के मानदेय का भुगतान किया जाएगा। टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन में वैसी राशि जमा होती है, जो टाइगर रिजर्व के इलाके में खर्च करने के लिए जारी होती है। खर्च होने के बाद बचे हुए पैसे टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन में चले जाते हैं। पलामू टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की राशि जमा है।
पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में कार्यरत 300 से अधिक मजदूरों के मानदेय के भुगतान के लिए प्रति वर्ष तीन करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि खर्च होती है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से राशि जारी होने के बाद फाउंडेशन की खर्च राशि को वापस जमा कर दिया जाता है।