धनतेरस-दिवाली पर सोना खरीदने में इन बातों का रखें खास ख्‍याल

नई दिल्ली
Spread the love

दिल्ली। धनतेरस-दिवाली में सोना खरीदने की परंपरा है. अगर आप भी इस मौके पर सोने की खरीदारी करने जा रहे हैं, तो न सिर्फ ठगे जाने से बचेंगे, बल्कि टैक्‍स के भी झमेले में नहीं फंसेंगे. ज्वेलरी खरीदते वक्त उपभोक्ताओं को सिर्फ तीन चीजों की कीमत चुकानी पड़ती हैं. इनमें गहनों की कीमत, मेकिंग चार्ज और GST शामिल होता है.

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की वेबसाइट के अनुसार सोने की खरीदारी के वक्‍त विक्रेता से हॉलमार्क वाले प्रामाणिक बिल / चालान लेना जरूरी है. बिल में इन बातों का उल्‍लेख होना जरूरी है. 1. आइटम का नाम और डिटेल 2. क्वांटिटी 3. वजन (ग्राम) 4. शुद्धता: (कैरेट में) 5. वर्तमान सोने की दर और मेकिंग चार्ज 6. हॉलमार्किंग शुल्क: 35 रुपये + GST 7. खरीदार द्वारा कुल देय राशि।

* मेकिंग चार्ज पर करें मोलभाव*

त्योहारों के टाइम पर डिमांड ज्‍यादा रहती है, जिसका फायदा उठाकर कुछ ज्वैलर्स छोटी सी ज्‍वैलरी पर भी हैवी ज्वैलरी के हिसाब से ही मेकिंग चार्ज वसूलते हैं. इसलिए मेकिंग चार्ज को लेकर आप जितना मोलभाव कर सकते हैं, करें.

* समझें हॉलमार्किंग का सिस्‍टम*

सोने की शुद्धता के आधार पर गहने में 5 अंकों की हॉलमार्किंग की अलग अलग पहचान दी जाती है, उदाहरण के तौर पर 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा जाता है. तो इन चीजों को ध्यान में रखते हैं तो कभी भी ठगी का शिकार नहीं हो सकेंगे.

* घर में कितना रख सकते हैं सोना*

नियमों के मुताबिक, विवाहित महिला घर में 500 ग्राम, अविवाहित महिला 250 ग्राम और पुरुष सिर्फ 100 ग्राम सोना बिना इनकम प्रूफ दिए रख सकते हैं. तीनों कैटेगरी में तय लिमिट में सोना घर में रखने पर इनकम टैक्स विभाग सोने के आभूषण जब्त नहीं करेगा. हालांकि वैलिड सोर्स और प्रूफ के साथ आप जितनी आपकी मर्जी आप घर पर सोना रख सकते हैं.