झारखंड के इस जिले में 10 शिक्षकों को मिल चुका है राष्‍ट्रपति पुरस्‍कार

झारखंड शिक्षा
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  • विधानसभा स्‍थापना दिवस पर सम्‍मानित होंगे तीन शिक्षक

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। झारखंड के एक जिले के 10 शिक्षक राष्‍ट्रपति पुरस्‍कार से सम्‍मानित हो चुके हैं। झारखंड विधानसभा के 21वीं स्‍थापना दिवस पर 22 नवंबर को ऐसे तीन शिक्षकों को सम्‍मानित किया जाएगा। सम्‍मानित होने वाले शिक्षकों में गणेश लाल, किशोर कुमार वर्मा, बैद्यनाथ मिश्रा शामिल हैं। राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र महतो संयुक्त रूप से उन्‍हें सम्मानित करेंगे।

झारखंड में लोहरदगा ही ऐसा एकमात्र ऐसा जिला है, जहां राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त 10 शिक्षक हैं। उनमें स्वर्गीय महेंद्र प्रसाद, स्वर्गीय नवल किशोर सिन्हा, स्वर्गीय रामवल्लभ भारती, स्वर्गीय दिनेश मिश्रा, एरेन मिंज, रामनिहोरा सिंह, गोवर्धन अधिकारी, सिस्टर मेरी ग्रेस आदि भी शामिल हैं। उन्‍हें एकीकृत बिहार के समय में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया है।

झारखंड निर्माण के बाद सर्वप्रथम किशोर कुमार वर्मा (राजकीयकृत मध्य विद्यालय, लोहरदगा) को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र के छात्रों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए पूर्व पुलिस अधीक्षक सुबोध प्रसाद के साथ मिलकर सराहनीय कार्य किये थे। सरकारी स्कूल को राज्य स्तर पर A ग्रेड और 5 स्टार बनाकर शैक्षणिक माहौल बनाने का काम किया है।

वर्मा ने प्रथम रेल बोगी नवाचार स्कूल में बनाकर बच्चों को आकर्षित और ठहराव करने का काम कर उनके सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाई। इस निमित्त उन्‍हें वर्ष, 2017 में मुख्यमंत्री सम्मान और 2019-20 का राज्यस्तर पर मुख्यमंत्री विद्यालय स्वच्‍छता पुरस्कार में अव्वल स्थान प्राप्त किया था। वर्तमान में वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

बैद्यनाथ मिश्रा लुथरेन उच्च विद्यालय, लोहरदगा में कार्यरत थे। वर्ष, 2008 में गैलिलियो के नाम से प्रसिद्ध खगोल विज्ञान पर कार्य करने पर उन्‍हें राष्ट्रपति पुरस्कार मिला। सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे वर्तमान में ‘भास्‍कर एस्ट्रो एसोसिएशन’ के नाम से बच्चों को स्कूल-स्कूल जाकर खगोल विज्ञान की जानकारी दे रहे हैं।

गणेश लाल राष्ट्रपति पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के शिक्षक हैं। उन्होंने सीठियो मध्य विद्यालय, सेन्हा में अंग्रेजी में बच्चों को फर्राटेदार बोलने की कला विकसित की है। इस कार्य के लिए उन्‍हें राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुआ है।