हैदराबाद। आयकर विभाग ने सिंचाई और राजमार्ग परियोजनाओं के निष्पादन में लगे बेंगलुरु के तीन प्रमुख ठेकेदारों के मामले में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। इस दौरान 4 राज्यों में फैले 47 परिसरों की तलाशी ली गई।
तलाशी के दौरान पाया गया कि ये तीनों समूह अपनी आय को दबाने के लिए फर्जी खरीद, श्रम लागत में बढ़ोतरी, फर्जी उप-अनुबंध व्यय आदि की बुकिंग का सहारा ले रहे थे। जांच से पता चला कि समूहों में से एक ने लगभग 40 ऐसे व्यक्तियों के नाम पर फर्जी उप-अनुबंध खर्च में दर्ज किए, जिनका निर्माण व्यवसाय से कोई लेना-देना नहीं है। पूछताछ करने पर इन लोगों ने इस तरह के हथकंडे अपनाने की बात स्वीकार की है।
समूहों में से एक ने स्वीकार किया कि वह श्रम लागत 382 करोड़ रुपये बढ़ने के कार्य में शामिल था। इसके अलावा, एक अन्य समूह ने गैर-मौजूदा पेपर कंपनियों से 105 करोड़ रुपये तक आवास प्रविष्टियां ली जिसे इस समूह ने स्वीकार किया।
वास्तविक दस्तावेजों, डिजिटल साक्ष्यों आदि के रूप में विभिन्न आपत्तिजनक प्रमाण पाए गए हैं। उन्हें जब्त कर लिया गया है। तलाशी के दौरान 4.69 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 8.67 करोड़ रुपये के बेहिसाब आभूषण और सोना-चांदी और 29.83 लाख रुपये मूल्य की चांदी की वस्तुएं बरामद की गई।
इन तीन समूहों में तलाशी और जब्ती की कार्रवाई के परिणामस्वरूप लगभग 750 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। इसमें से 487 करोड़ रुपये की राशि को संबंधित समूह की संस्थाओं ने अपनी अघोषित आय के रूप में स्वीकार किया है।
तलाशी का कार्य 07 अक्टूबर. 2021 को शुरू हुआ। जांच जारी है।