साहिबगंज। झारखंड के साहिबगंज से पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट बनाने के आरोपी गणेश कीर्तनिया को गिरफ्तार कर ही लिया। राधा नगर पुलिस ने उनके पैतृक गांव श्रीधर दियारा से गुप्त सूचना के आधार पर उसे दबोचा।
गणेश कीर्तनिया पूर्व मुखिया रह चुका है। आरोप है कि मुखिया पद का दुरुपयोग करते हुए उसने बांग्लादेशियों का फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवा कर उन्हें बांग्लादेश भेजवाया है। दरअसल राधा नगर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि गणेश कीर्तनिया घर आया हुआ है।
सूचना पाकर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी को लेकर टीम गठित की और पूरी प्लानिंग के तहत गांव में घुसकर गणेश की गिरफ्तारी कर ली। फरार चल रहे इस आरोपी को कोरोना जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। गणेश कीर्तनिया जब करीब 10 लोगों का फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवा रहा था, तो उस समय विशेष शाखा की टीम ने सभी पासपोर्ट को गुपचुप तरीके से जांच की और उसे फर्जी पाया। इसकी जानकारी विशेष शाखा की टीम की ओर से राज्य मुख्यालय को दी गई।
उसके बाद मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रथम दृष्टया कार्रवाई करते हुए राधा नगर थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया। मामले की जांच शुरू हो गई। इसी क्रम में गणेश कीर्तनिया को इसकी भनक लगी और वह फरार हो गया। पुलिस लगातार गणेश की तलाश में छापेमारी अभियान चलाती रही। इस दौरान कई पुलिस अधीक्षक बदल गए, परंतु गणेश की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। बात वर्ष 2012 की है। उस समय जाली पासपोर्ट बनाने का मामला डीजीपी के साथ सभी एसपी के साथ हुई बैठक में उठा था। डीजीपी ने कार्रवाई का निर्देश भी दिया था।
तत्कालीन एसपी के. विजयालक्ष्मी ने तत्काल कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन मामला अधर में ही लटका रहा। गणेश कीर्तनिया को पूछताछ के लिए राधानगर थाना लाया गया था, लेकिन उस समय गणेश भाग निकला था। जब गणेश कीर्तनिया थाने से भागा था, तो उस समय वहां पर द्वारका राम थानेदार थे।
जब डीजीपी ने मामले को गंभीरता से लिया, तो जाली पासपोर्ट बनाने के मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए द्वारका राम को निलंबित कर दिया था। अब वह थानेदार निलंबन से मुक्त हो गए हैं। वहीं साहिबगंज के नए एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने कहा कि गणेश की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है।