किसान कन्वेंशन में 27 सितंबर के भारत बंद को सफल बनाने का संकल्‍प

कृषि झारखंड
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  • कानून रद्द नहीं होने पर 2024 से आगे आंदोलन चलने का दावा

रांची। झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित राज्यस्तरीय किसान कन्वेंशन में 27 सितंबर को आहूत भारत बंद को सफल बनाने का संकल्‍प लिया गया। मौके पर कृषि कानून रद्द करो, फसल के समर्थन मूल्य का कानून बनाना होगा, 27 सितंबर को भारत बंद रहेगा आदि नारे लगे।

मुख्य वक्ता राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकारिणी सदस्य और अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष कृष्ण प्रसाद ने कहा कि आदिवासी खेती बचाने, सहकारी खेती और फसल आधारित उद्योग से खेती के आधुनिकीकरण की मांग उठानी होगी। हेमंत सरकार को कृषि कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करना चाहिए। मोदी सरकार के कृषि कानून रद्द नहीं करने पर किसान आंदोलन, 2024 से आगे चलेगा।

प्रसाद ने कहा कि खेती अलाभकारी होने से किसान प्रवासी मजदूर बनने के लिए मजबूर हो रहे हैं। वैकल्पिक खेती की योजना के लिए हेमंत सरकार पहल करे। बीते 9 माह से चल रहा किसान आंदोलन ऐतिहासिक रूप ले चुका है। 27 सितंबर का भारत बंद को किसान-मजदूर ऐतिहासिक बनाएंगे।

अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजा राम सिंह ने कहा कि कृषि कानून नहीं हटा तो मोदी सरकार को हटाना पड़ेगा। किसान पीछे नहीं जा सकते हैं। राज्य अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कृषि कानून की वापसी तक आंदोलन जारी रहेगा। झारखंड राज्य किसान संघर्ष समन्वय समिति के राज्य संयोजक सुफल  महतो ने कहा किसान आंदोलन आजादी का स्वरूप ले चुका है। किसान जीत कर लौटेंगे या मर कर। 9 माह का किसान आंदोलन और 600 किसानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। 27 सितंबर के भारत बंद में किसान हल बैल के साथ सड़क पर उतरेंगे।

झारखंड राज्य किसान सभा के महासचिव सुरजीत सिन्हा ने कहा कृषि कानून रद्द करना ही होगा। कन्‍वेंशन को किसान महासभा के पूरन महतो, केडी सिंह, दयामनी बारला, बासवी किंडो, गणेश महतो, लखन महतो, राजेंद्र गोप, पूर्व विधायक राजकुमार यादव, हलधर महतो, सीटू महासचिव मिथलेश सिंह आदि ने भी संबोधित किया। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव महेन्द्र पाठक ने आधार पत्र प्रस्तुत किया।

अध्यक्ष मंडल में सुरजीत सिन्हा, पूरन महतो, राजेंद्र गोप, केडी सिंह शामिल थे। इस अवसर पर झारखंड राज्य किसान सभा के मो एतेशाम, चारो भगत, जगदीश महतो, बिरेंद्र कुमार, हरे कृष्ण महतो, सुरेन्द्र महतो, सुबल मल्लिक, मधुवा कच्छप, शंकर उरांव, प्रफुल्ल लिंडा, परसुराम महतो, श्यामसुंदर महतो, साबिर हुसैन, रामधुन मछुवा, विशंमभर महतो, अजय सिंह, भुवनेश्वर केवट, प्रबोध महतो, भुवनेश्वर मुंडा आदि उपस्थित थे। राज्य भर से किसान प्रतिनिधि शामिल थे।