एनएसएस की स्थापना दिवस पर बोली वीसी, स्वयंसेवक सामाजिक दायित्व के निर्वहन का लें संकल्प

झारखंड
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रांची। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने कोरोना काल में सराहनीय काम किया। इनके द्वारा किये गए रचनात्मक कार्यों की चर्चा समाज में हो रही है। एनएसएस में काम करने वाले स्वयंसेवकों के व्यक्तित्व का विकास, सामाजिक संवेदना एवं आत्मविश्वास क्रमागत हो जाता है। स्थापना दिवस पर स्वयंसेवक संकल्प ले कि पढ़ाई के साथ सामाजिक दायित्व का निर्वहन भी करेंगे। उक्त बातें रांची विवि के आईएलएस में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना की 53वें स्थापना दिवस समारोह में कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कही।

इस अवसर पर रांची विवि के डीएसडब्ल्यू डॉ राजकुमार शर्मा ने कहा कि एनएसएस के स्वयंसेवक समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए आगे आएं। अपने कार्य का प्रतिविंब दूसरों को दिखाएं। आरयू द्वारा एनएसएस के स्वयंसेवकों के लिए संचार कौशल पर कार्यशाला और सेमिनार का आयोजन करने का विचार हुआ है। इससे उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होगा। युवाओं में काफी ऊर्जा और जोश है। इनको सामाजिक कार्यों में लगाने की आवश्यकता है।

एनएसएस के रांची विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि एनएसएस की स्थापना दिवस पर आज पूरे देश के एनएसएस के उत्कृष्ट कार्य करने वाले 02 विश्वविद्यालय कार्यक्रम समन्वयक, 10 कार्यक्रम पदाधिकारी एवं 30 स्वयंसेवकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया गया है। झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों एवं राज्यस्तरीय एनएसएस पुरस्कार शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।

इससे पहले सुबह आईएलएस परिसर में स्वच्छता ड्राइव आयोजित किया गया। इस अवसर पर 53 पौधे लगाये गये। पौधरोपण की शुरुआत कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने की। पौधरोपण कार्यक्रम में टीम ग्रीन का सहयोग मिला। एनएसएस का झंडोत्तोलन कुलपति द्वारा किया गया।

समारोह को आईएलएस के निदेशक डॉ सतीश कुमार, अनुभव चक्रवर्ती, आनंद कुमार, डॉ हैप्पी भाटिया, दिवाकर आनंद, फलक फातिमा, संकेत कुमार ओझा, अंजली मिश्रा आदि ने भी संबोधित किया। संचालन रोजी शर्मा एवं पूजा कुमारी और धन्यवाद सुषमा कच्छप ने किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में राहुल कुमार साहू, आकाश दुबे, किशोर लकड़ा, प्रिंस तिवारी, शिवानी अग्रवाल, गगन महतो, सूरज उपाध्याय, प्रभात, संदीप, अंकित, शुभम, देवानीक राज आदि का योगदान रहा।