रांची। झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 2021 झारखंड के लोकतांत्रिक इतिहास में काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। जिस प्रकार का आचरण भाजपा विधायकों का पूरे सत्रावधि में रहा, उसने सिर्फ और सिर्फ पूरे देश में झारखंड को शर्मसार किया। उक्त बातें मानसून सत्र के समाप्ति के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कही।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के अराजक आचरण के कारण ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण और बेरोजगारी, नियोजन जैसे अहम मुद्दों पर खुलकर चर्चा नहीं हो पाई। विपक्ष ने सदन में इन गंभीर सवालों पर चर्चा को हंगामे की भेंट चढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इसी से पता चलता है कि इनकी कथनी और करनी में कितना अंतर है। भाजपा सत्ता से बाहर होने के बाद इतनी बेचैन हो गयी है कि लगातार स्थापित परंपराओं को भी मानने के लिए तैयार नहीं है। सत्र के प्रथम दिन दिवंगत लोगों के लिए सदन में पढ़े जानेवाले शोक प्रकाश के दौरान भी अमर्यादित आचरण का प्रदर्शन करते रहे।
ठाकुर ने कहा कि जब से झारखंड की जनता ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया है, तब से ये बेचैनी में हैं। महागठबंधन सरकार द्वारा पूरे कोरोना काल में किये गए कार्यों को पूरे देश और दुनियां के लोगों ने सराहा है। इन्हें दिखाई ही नहीं दे रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि बेवजह के मुद्दों को उठाकर जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास करने के सिवा इनके पास कोई काम ही नहीं बचा है। इन्हें नहीं मालूम कि जनता इनके बहकावे में अब आनेवाली नहीं है।
राजेश ठाकुर ने कहा कि सदन राज्य की सर्वोच्च पंचायत होती है, जहां राज्य को समृद्धि प्रदान करने के दिशा में पक्ष और विपक्ष साथ मिलकर सकारात्मक चर्चा करते हैं, ताकि विकास को गति मिलती है। इस सत्र में सरकार की लोकप्रियता से घबराकर राजनैतिक स्वार्थपूर्ति भाजपा के विधायकों ने अगर कुछ किया है तो सिर्फ अपने अभिनय और नाट्यकला का प्रदर्शन।
मुद्दाविहीन नेतृत्व विहीन विपक्ष के पास बढ़ती महंगाई, केंद्र के गलत निर्णयों के कारण घटते रोजगार, कोरोना काल मे केंद्र के असहयोगात्मक रवैये, झारखंड के खनिजों के लाखों करोड़ बकाये को केंद्र से कैसे प्राप्त किया जा सके, किसानों के सवाल पर, पेट्रोल डीजल एवं गैस के मूल्यवृद्धि पर चर्चा करने का समय नहीं था।