हिंदी पखवाड़ा पर बीएयू में कवि सम्मलेन, कवियों ने बांधा समां

झारखंड
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रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में गुरूवार को हिंदी पखवाड़ा समापन पर 23 सितंबर को कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। मौके पर कवयित्री श्रीमती शैल सिंह ने शब्दों की चहल कदमी और भावपूर्ण कविताओं के हर स्वर, छंद एवं संवेदना से श्रोताओं को झकझोरा। उन्होंने गांव एवं शहरी जीवन के ताना-बाना को भागती जिंदगी के यर्थात को बेहतरीन अंदाज में प्रस्तुत कर सभी को भाव-विभोर कर दिया। उनकी भोजपुरी काव्य की प्रस्तुति‍ को भी सबों ने काफी पसंद किया।

सम्मलेन में कवियित्री श्रीमती मीनू मीणा सिन्हा ने प्रसिद्द साहित्यकार दिनकर के जन्म दिवस पर बुलंदी पर हमारी हिंदी और हिंदी की अभिलाषा पर कविता संग्रह प्रस्तुत किया। हिंदी के प्रति अटल बिहारी बाजपेयी की भावना को कविता के माध्यम से बताया।

कवियित्री श्रीमती मुक्ति साहदेव ने चिरविजयनी हिंदी और संवेदनाएं मर रही कविता के माध्यम से अपनी रचनाधर्मिता से सम्मलेन में समां बांधा। उन्होंने सिलवटा और कविता की स्वर रचना से जीवन की आपाधापी में महिलाओं की कविता रचना को पेश कर नारी की व्यथा को रखा।

कवि प्रकाश कुमार सिंह ने स्मृतियों का सहारा एवं चिराग नामक कविता के माध्यम से जिन्दगी के विभिन्न रंगों की संवेदना को बताया। उन्होंने अपनी कविता माध्यम से निराश जीवन में साहित्य को संवेदना व्यक्त करने का जरिया बताया। कहा कि‍ आत्महत्या जीवन में संवेदना की कमी से होती है। जीवन के अस्तित्व को बचाने में व्यक्ति को स्वयं की पहचान एवं दायित्व का बोध जरूरी है।

कवियित्री डॉ नंदिनी कुमारी ने माटी की खुशबू से हिंदी की महत्ता को परिभाषित किया। कृष्णजी की भाग्यवान द्वारा मृत्यु शैया पर पड़ी पत्नी के प्रति भाव को प्रस्तुत किया। युवा कवि एवं छात्र पंकज कुमार आजाद परिंदे और सवाल उठाने में विषयक कविता से अपनी संवेदना एवं विचारों को रखा।

रांची जूनियर चैंबर इंटरनेशनल और पशुपतिनाथ टेंपल मैनेजमेंट सोसाइटी, कांके द्वारा प्रायोजित इस सम्मलेन का आयोजन विवि के कृषि संकाय द्वारा आरएसी ऑडिटोरियम में किया गया। मौके पर डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने कवि एवं कवयि‍त्रियों को शॉल देकर सममनित किया।

स्वागत करते हुए डॉ यादव ने हिंदी साहित्य की कविताओं को संवेदना को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम बताया। संचालन डॉ नंदनी कुमारी एवं संयोजन और धन्यवाद पंकज वत्सल किया। मौके पर डॉ एमपी सिन्हा, डॉ ए वदूद, डॉ सुशील प्रसाद, डॉ डीके शाही, डॉ सोहन राम, डॉ पीके सिंह, डॉ राकेश कुमार, डॉ एके पांडे, डॉ नीरज कुमार सहित शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र मौजूद थे।