अंडमान से घर लौटे फुचा महली को मिला सरकारी योजनाओं का लाभ

झारखंड
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रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में 30 वर्ष से फंसे गुमला के फोरी गांव निवासी फुचा महली की अपने घर लौटे। वापसी के दो दिन बाद ही उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं से आच्छादित कर दिया गया। मुख्यमंत्री के आदेश पर गुमला उपायुक्त द्वारा फुचा महली को वृद्धापेंशन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभांवित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उनकी धर्मपत्नी बुदि महली के नाम से राशन कार्ड का आवंटन कर दिया गया है। परिवार को तत्काल सहायता पहुंचाते हुए एक क्विंटल चावल एवं दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी पहुंचाई गई है।

मुख्‍यमंत्री से मिले थे

अंडमान से रांची लौटने के बाद फुचा महली ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और आभार जताया। फुचा कहते हैं, मैं उम्मीद छोड़ चुका था कि मेरी कभी घर वापसी भी होगी। मुख्यमंत्री जी धन्यवाद। आपके सहयोग से वापस आ सका। आज मैं वर्षों बाद अपने परिवार के साथ हूं। इस खुशी को बयां नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रशासन मुझे और मेरे परिवार को विभिन्न योजनाओं से भी जोड़ रहा है, जिससे हम अबतक वंचित थे।

कौन हैं फुचा महली

फुचा महली 30 वर्ष पूर्व अंडमान निकोबार द्वीपसमूह स्थित नार्थ अंडमान में एक कंपनी में काम करने गए थे। कुछ वर्ष सब ठीक था, लेकिन बाद में कंपनी बंद हो गई। उन्हें वहीं का एक व्यक्ति बंधुवा मजदूर बनाकर काम लेने लगा। फुचा अपने परिवार से संपर्क स्थापित करने में असमर्थ थे। फुचा महली के पुत्र रंथु को पिता के होने की जानकारी कुछ दिनों पूर्व मिली। रंथू ने पिता से काम ले रहे व्यक्ति से संपर्क साधा। तब उसके पिता के होने की स्पष्ट जानकारी मिली। पिता के होने की जानकारी मिलते ही उसने मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री से पिता को वापस लाने की गुहार लगाई।

संपर्क कर मुक्‍त कराया

मुख्यमंत्री ने मामले की जानकारी के बाद श्रम विभाग को जल्द से जल्द फुचा महली को वापस लाने का आदेश दिया। तत्पश्चात श्रम विभाग के अधिकारियों और शुभ संदेश फाउंडेशन के सदस्यों ने फुचा महली की घर वापसी के लिए दक्षिणी अंडमान के प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर फुचा महली को मुक्त कराया। अंततः फुचा 30 वर्षों बाद अपने घर लौटे।