बीएयू को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास होगा : बादल

झारखंड
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  • आश्रितों को नियुक्ति पत्र वितरण, पशुचिकित्सा संकाय में उद्घाटन एवं शिलान्यास

रांची। झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य का विकास और दिशा कृषि से ही बदलेगी। कृषि विभाग और विश्वविद्यालय हर स्तर पर अधिकाधिक बिरसा किसानों को कृषि तकनीकी से जागरूक एवं समृद्ध करें। किसानों का विश्वास जीता जाय। कृषि उत्पादों का किसानों को मुनासिब मूल्य मिले। प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्रों को 5 हजार किसानों को जागरूक एवं आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करने की सलाह दी। वे शनिवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय प्रांगण में आयोजित अपने अभिनंद समारोह में बोल रहे थे।

कृषि मंत्री ने कहा कि विवि के तकनीकी विकास एवं तकनीकी हस्तांतरण और तय मानकों के अनुरूप सरकार सहयोग करेगी। छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं प्लेसमेंट के अवसर की दिशा में प्रयास होंगे। झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है। इनके हितों की रक्षा एवं कृषि विकास के लिए पक्ष एवं विपक्ष के संयुक्त प्रयास से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में कदम उठाने की घोषणा की।

नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है

मंत्री ने कहा कि विभागीय स्तर पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। परिणाम जल्द देखने को मिलेंगे। बताया कि देश एवं राज्य की बहुतायत आबादी कृषि पर निर्भर है। देश के जीडीपी में कृषि का औसत योगदान 17 प्रतिशत और राज्य के जीडीपी में कृषि का औसत योगदान 12 प्रतिशत मात्र है। केंद्र में कृषि का बजट मात्र 7 प्रतिशत और राज्य में 5 प्रतिशत मात्र है। इसमें सुधार के लिए अधिकार एवं कर्तव्य बोध पर ध्यान देने होगा।

आश्रितों को नियुक्ति पत्र सौंपा

समारोह से पहले मंत्री, सांसद संजय सेठ, विधायक समरी लाल, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीख पी एवं कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मौके पर बिरसा मुंडा के परपोते सुखराम मुंडा और उलीहातू गांव के 5 किसानों को कृषि मंत्री सम्मानित किया। समारोह में विवि के मृत कर्मियों के 22 आश्रितों को अनुकंपा पर आधारित नियुक्ति-पत्र प्रदान किया।

कृषि शो केस स्थापना की जरूरत

सांसद संजय सेठ ने बीएयू को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के स्तर से भेजने और केंद्र सरकार में हरसंभव प्रयास एवं सहयोग देनी की बात कही। कहा कि‍ झारखंड कृषि विशेषकर सब्जी उत्पादन में समृद्ध है, जिसे आगे बढ़ाने एवं पंचायत स्तर पर कृषि शो केस स्थापित करने की जरूरत है।

सरकार विवि पर ध्‍यान दें

कांके विधायक समरी लाल ने प्रदेश के किसानों की खुशहाली के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि विश्वविद्यालय पर खास ध्यान देने पर जोर दिया। विवि में गृह विज्ञान कॉलेज खोलने और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की दर्जा दिलाने की मांग रखी।

भावुक हो गई पूर्व मंत्री

पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने विवि की प्रगति के अवलोकन को भावुक क्षण बताया। उन्होंने विवि द्वारा स्व. कार्तिक उरांव के सपनों को पूरा करने की दिशा में किसानों को अधिकाधिक तकनीकी लाभ देने, सूदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक वैज्ञानिकों की समस्या का निराकरण करने और विवि में बड़ी क्षमतावाली ऑडिटोरियम का निर्माण करने की सलाह दी।

कृषि का विकल्‍प नहीं है

कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीख ने कहा कि हमारे समाज में कृषि का कोई विकल्प नहीं है। राज्य में पिछले वर्ष सबसे अधिक उत्पादन हुआ। दलहन उत्पादन के मामले में राज्य अग्रणी है। राज्य कृषि विकास में बीएयू की अग्रणी भूमिका रही है। विवि को पशुपालन, मत्स्य एवं वानिकी तकनीकी के क्षेत्र में विशेष ध्यान देना होगा। स्वागत करते हुए कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने विगत एक वर्षो में विवि की उपलब्धियों को रखा। संचालन शशि सिंह और धन्यवाद डॉ ए वदूद ने किया।

प्रयोगशाला का शिलान्यास

कृषि मंत्री बादल ने राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान के अधीन निर्मित पशु उत्पादन, प्रबंधन एवं निर्देशात्मक पशुधन फार्म भवन, 350 छात्रों की क्षमता वाली परीक्षा भवन और बड़ा एवं छोटा पशु प्रयोग गृह का उद्घाटन किया। मंत्री द्वारा पशु चिकित्सा संकाय में आधुनिक पशु जांच एवं अत्यपरीक्षण प्रयोगशाला केंद्र का शिलान्यास किया गया। कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने ‘गो-पालन : एक नया आयाम’ नामक पुस्तक का विमोचन किया।

मौके पर डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने पशु चिकित्सा संकाय की गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में कृषि निदेशक निशा उरांव, पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा, विवि के डीन, डायरेक्टर, प्रोफेसर, स्टाफ एवं किसान आदि मौजूद थे।