रांची। सीआईपी में मरीजों और उनके परिजनों को अल्जाइमर के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अल्जाइमर, इसके संकेत, लक्षण और उपलब्ध उपचार के बारे में बताया गया। इस अवसर पर संस्थान के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक पेश किया।
संस्थान के निदेशक प्रो बासुदेव दास ने कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने बीमारी के संकेत और लक्षण के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि अल्जाइमर एक गंभीर मानसिक बीमारी है। जानकारी के अभाव में 90 प्रतिशत लोग इलाज से वंचित रह जाते हैं। इस बीमारी में मुख्यतः याददाश्त में कमी होना, बोलने या लिखने में परेशानी होना, जगह या समय को लेकर गुमराह होना, नई जानकारी को याद नहीं रख पाना और मनोदशा का बार-बार बदलना जैसे लक्षण पाए जाने हैं।
निदेशक ने कहा कि वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सीआईपी ओपीडी में प्रत्येक शुक्रवार को एक समर्पित जेरिएट्रिक क्लिनिक आयोजन किया जाता है। संस्थान के प्रशासकीय पदाधिकारी डॉ अविनाश शर्मा ने इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद अल्जाइमर के लक्षणों को शुरुआती समय में किस प्रकार पहचाना जाए और इनका इलाज और उनसे जुड़ी समस्याओं के बारे में डॉ उमेश ने मरीजों और उनके परिजनों से जानकारी साझा की।
इस रोग के विषय में सीआइपी के क्लीनिकल साइक्लोजी और साइकियाट्रिक सोशल वर्क विभाग के छात्रों द्वारा एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। इसके द्वारा मरीज और उनके परिजनों को इस बीमारी से जुड़ी हुई रोजमर्रा की समस्याएं और उनकी गंभीरता को बेहतरीन ढंग से समझने में मदद मिली। कार्यक्रम में डॉ स्वर्णाली बोस, डॉ रोशन, डॉ सुरेन्द्र पालीवाल, डॉ प्रांजल डे, डॉ सुरजीत, डॉ प्रीति, डॉ जेम्स, डॉ अनुज ने भी अपने विचार रखे।