
योगेश कुमार पांडेय
गिरिडीह। जिले के जमुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को प्रखंडस्तरीय टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार ने की। उन्होंने कहा कि जिला का सबसे बड़ी पंचायत, आबादी वाला प्रखंड जमुआ है। सामुदायिक सहभागिता से ही प्रखंड को फायलेरिया मुक्त बनाया जा सकता है। अभियान के दौरान डीईसी गोली खाने में कोताही नहीं बरते, बल्कि सहयोग करें। अभियान के सफल संचालन के लिये ठोस रणनीति बनाई गई।
प्रखंड चिकित्सा प्रभारी डॉ राजेश कुमार दूबे ने कहा कि 23 से 27 अगस्त तक फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलेगा। प्रखंड भर में 234 आंगनबाड़ी केंद्रों, सीएचसी, पीएचसी को बूथ बनाया गया है। 23 से 25 अगस्त तक आंगनबाड़ी सेविका, सहिया, पोषण सखी द्वारा बूथ पर 2 से 5 आयु वर्ग के बच्चों को 1 गोली, 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को 2 गोली और 15 से ऊपर आयु वर्ग के नागरिकों को 3 डीईसी की गोली खिलाई जायेगी। वही 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को कृमिनाशक अल्बेडाजोल की आधी गोली, 2 से उपर को 1 गोली खिलाई जायेगी।
डॉ दूबे ने बताया कि गर्भवती महिला, 1 वर्ष से नीचे आयुवर्ग के बच्चों, असाध्य गंभीर बीमारी से ग्रसित नागरिकों को गोली नहीं खिलाना है। सहिया, एएनएम, महिला पर्यवेक्षिका मिलाकर 44 सुपरवाइजर हैं। 6 बूथ पर 1 सुपरवाईजर अनुश्रवण करेंगे। प्रखंड स्तर पर 1 रैपिड एक्शन फोर्स की निगरानी और मार्गदर्शन करेंगे। प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका की एक बैठक शनिवार को होगी।
उक्त अवसर पर बाल विकास परियोजना पर्यवेक्षिका रेणु यादव, यशोदा देवी, राधिका कुमारी, सीएचसी डॉ बीके सिंह, बीपीएम आलोक कुमार, धर्मप्रकाश, डॉ राजेश कुमार, डॉ अरुण कुमार, डॉ चंदन कुमार, बीटीटी राखी कुमारी, मो कुद्दुस आलम सहित सभी एमपीडब्ल्यू मौजूद थे।