प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र रहने पर ही मिलेगा उर्वरक दुकान का लाइसेंस

झारखंड
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  • कृषि विज्ञान केंद्र में 15 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ

चतरा। उर्वरक की दुकान चलाकर रोजगार प्राप्त करने के इच्‍छुक लोगों के 15 दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत 25 अगस्‍त से हुई। यह प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र, चतरा द्वारा चलाया जा रहा है। समेकित पोषण तत्व प्रबंधन को लेकर हो रहे प्रशिक्षण में जिले के 60 लोग शामिल हैं।

मुख्य अतिथि अनुमंडल सह जिला कृषि पदाधिकारी अशोक सम्राट ने कहा कि वक्‍त बदल रहा है। उर्वरक बेचने वाले को ट्रेंड होना जरूरी है। किसान अब फसल उत्पादन के लिए तकनीक और खाद का उपयोग करने लगे है। इसलिए खाद विक्रेता को प्रशिक्षित होना जरूरी है। पहले यह प्रशिक्षण एक साल का होता था। वतर्मान में 15 दिनों का हो गया है।

प्रशिक्षण में वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ रंजय कुमार सिंह ने प्रशिक्षण से संबंधित बारीकी की जानकारी दी। उन्होंने पोषक तत्व प्रबंधन और खरीफ फसल को लेकर उसमें इस्तेमाल होने वाली खाद की विस्तृत जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र मुहैया कराया जाएगा। इसके आधार पर लाइसेंस उपलब्ध होगा।

इंजीनियर विनोद कुमार पाण्डेय ने भी मृदा से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। वैज्ञानिक धर्मा उरांव ने फसल में कीट लगने के बाद और पूर्व उपयोग में लाई जाने वाली आर्गेनिक दवा के बारे में बताया। मौके पर केंद्र के उपेन्द्र कुमार सिंह, मो जुनैद आलम, रूपलाल कुमार भोक्ता, नवल किशोर, अभिषेक घोष, किशोरी कांत मिश्र, लालमनी ठाकुर, नेपाल ठाकुर, रवि कुमार, पतरसिया टोप्पो आदि मौजूद थे।