ईडी ने निवेशकों से करोड़ों रुपये की जालसाजी कर फरार होनेवाले डीजेएन ग्रुप की इतने रुपये की संपत्ति की अटैच

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बड़ी खबर यह है कि प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने निवेशकों से करोड़ों की जालसाजी कर फरार होनेवाले डीजेएन ग्रुप की 33.74 लाख 390 रुपये की चल और अचल संपत्ति अटैच की। ईडी ने आज मंगलवार को कार्रवाई करते हुए रांची सदर थाना क्षेत्र के डुमरदगा स्थित श्री नारायण एनक्लेव फेस- 2 में जितेंद्र मोहन का 1338 स्क्वायर फीट का एक फ्लैट जब्त किया है। ईडी ने यह कार्रवाई मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत की है।

बता दें कि ईडी की टीम ने इससे पहले 2 जनवरी 2020 को डीजेएन ग्रुप की 1.66 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की थी। ईडी ने यह कार्रवाई मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत की थी। जब्त संपत्ति में गढ़वा, लातेहार और रांची जिले में ग्रुप की जमीन और अचल संपत्ति के अलावा इस ग्रुप के 14 बैंक खातों में रखे 5.73 लाख रुपये नकद और पांच गाड़ियां, जिसकी कीमत 59.57 रुपये की चल संपत्ति शामिल थी।

जब्त संपत्ति डीजेएन ग्रुप के जितेंद्र मोहन, विशाल कुमार सिन्हा, प्रशांत कुमार, मेसर्स डीजेएन ज्वेलर्स, राम किशुन ठाकुर व डीजेएन ग्रुप की सहयोगी संस्थाओं से संबंधित थे। बता दें कि ईडी ने रांची के लालपुर थाने में 220/2016 में दर्ज केस व चार्जशीट के बाद मनी लाउंड्रिंग एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। यह केस जितेंद्र मोहन सिन्हा, विशाल कुमार सिन्हा, प्रशांत कुमार सिन्हा व इवाटोली के संतोष के विरुद्ध दर्ज था। ईडी ने जांच में पाया कि मेसर्स डीजेएन कमोडिटिज विशाल कुमार सिन्हा की मुंबई स्थित एमसीएक्स से पंजीकृत थी।

इस कंपनी के निदेशकों ने एक साजिश के तहत मिलजुल कर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की। इन लोगों ने डीजेएन कमोडिटिज के नाम से एक ऑफलाइन बिजनेस शुरू किया और लोगों को ठगने का काम किया। डीजेएन कमोडिटिज (ऑफलाइन) ने निवेशकों से रुपयों को ऑनलाइन बिजनेस के नाम पर जमा करवाया। यह झांसा दिया कि प्रति माह उच्च ब्याज देंगे। इसके बाद निवेशकों के पैसे को लेकर फरार होने की कोशिश की और पकड़े गये। इस मामले में जांच जारी है।