वेतन समझौते की अनदेखी कर रहा सीसीएल प्रबंधन

झारखंड
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  • पीड़ित श्रमिक ने न्याय के लिए 27 अगस्त से आमरण अनशन की दी धमकी

प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। सीसीएल प्रबंधन वेतन समझौते के प्रावधानों की अनदेखी कर रहा है। कंपनी की कथारा कोलियरी में टेंडल के पद पर कार्यरत शंकर सिंह वर्षों से न्याय के लिए लिख रहे हैं। अंतत: उन्‍होंने परियोजना पदाधिकारी को पत्र भेजकर आमरण अनशन की धमकी दी है। वह 27 अगस्‍त से परियोजना कार्यालय के समीप आमरण अनशन करने वाले हैं।

जानकारी के मुताबिक शंकर सिंह लकवा से पीड़ित होने के कारण 01 दिसंबर, 2015 से इलाजरत हैं। बीमारी की सूचना प्रबंधन को दे चुके हैं। नौंवे वेतन समझौता के मुताबिक गंभीर बीमारी होने पर प्रबंधन द्वारा राहत के तौर पर छह-छह माह के अंतराल में स्पेशल लीव का भुगतान किया जाता है। उक्त अवधि में शंकर सिंह को 6 माह का भुगतान किया गया।

भुगतान के बाद 1 माह के बाद यानी 01 जुलाई, 2016 से दसवें वेतन समझौते की अवधि शुरू हो गई। इस समझौते में भी इस प्रावधान को दोहराया गया। हालांकि स्पेशल लीव के प्रावधान की अधिसूचना सभी क्षेत्र और परियोजना को अगस्त, 2017 में मिली। आदेश में इस बात का जिक्र है कि‍ गंभीर रूप से बीमारी से बीमार और काम करने के लायक नहीं होने पर जब तक उन्हें मेडिकल फि‍ट नहीं किया जाता, तब तक स्पेशल लीव छह-छह महीने के अंतराल में मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर हमेशा मिलेगा।

शंकर सिंह लंबे समय से लगातार प्रबंधन द्वारा स्पेशल लीव का भुगतान करने का आग्रह कर रहा है। साथ ही, स्पेशल बोर्ड के लिए आवेदन भी प्रबंधन को दिया है। इसके बाद भी 01 जुलाई, 2016 से 26 फरवरी, 2019 तक की अवधि का स्पेशल लीव का भुगतान प्रबंधन द्वारा नहीं किया जा रहा है।

इस मामले को राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष सह विधायक प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह ने परियोजना पदाधिकारी और महाप्रबंधक से शंकर सिंह को न्‍याय दिये जाने की मांग की है। उन्‍होंने कहा कि प्रबंधन द्वारा न्याय नहीं मिल पाना खेद का विषय है। न्याय नहीं मिल पाने पर शंकर सिंह के आंदोलन को राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ समर्थन देगा। औद्योगिक अशांति की जवाबदेही परियोजना प्रबंधन की होगी।