नई दिल्ली। टी-सीरीज कंपनी के दिवंगत संस्थापक गुलशन कुमार मर्डर केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार,1 जुलाई को अपना फैसला सुना दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने मामले में दोषी अब्दुल रऊफ उर्फ दाऊद मर्चेंट की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। कहा जाता है कि अब्दुल रऊफ, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का ही साथी है। इस मामले में अब 24 साल बाद कोर्ट का कोर्ट फैसला आया है।
अब्दुल रऊफ को सेशन कोर्ट द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी साफ कहा है कि रऊफ किसी भी तरह की उदारता का हकदार बिल्कुल नहीं हैं। क्योंकि पहले जब वह पैरोल पर बाहर हुए थे तो वह तुरंत बांग्लादेश भाग गए थे। कहा जा रहा है कि राऊफ के भाई राशिद मर्चेंट को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, जिसे पहले बरी कर दिया गया था।
कोर्ट में पेश की गई थी 4 याचिकाएं
जस्टिस जाधव और बोरकर की बेंच ने इस मामले पर फैसला सुनाया. हाई कोर्ट में 4 याचिकाएं पेश की गई थी। इनमें से 3 अब्दुल रऊफ, राकेश खाओकर और राकेश चंचला पिन्नम को दोषी ठहराने के खिलाफ थी। इसके अलावा अन्य याचिका महाराष्ट्र सरकार ने भी दायर की थी। यह बॉलीवुड फिल्मकार रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ थी। उन पर हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था।
2002 में हुई थी रऊफ को सजा
बता दें कि 2002 में रऊफ को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2009 में वह मां के बीमार होने पर उसने मिलने के लिए पैरोल पर जेल से बाहर आया था, इसी दौरान वह बांग्लादेश भाग गया था। हालांकि, जाली पासपोर्ट के मामले में उसे बांग्लादेश पुलिस ने अरेस्ट कर लिया और काफी समय तक वह गाजीपुर के काशिपुर जेल में भी रहा।
गौरतलब है कि 12 अगस्त 1997 को मुंबई के जुहू इलाके में गुलशन कुमार की 16 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय वह हर रोज की तरह सुबह 8 बजे मंदिक पूजा करने के लिए गए थे। गुलशन कुमार की हत्या की खबर ने पूरे देश में सनसनी मचा दी थी, फिल्मी हस्तियां इस घटना से सदमे में आ गई थीं।