जलवायु परिवर्तन की समस्या को कम करने के लिए सबकी सक्रिय भागीदारी जरूरी : डीन

झारखंड
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  • बीएयू के वानिकी संकाय में पर्यावरण जागरुकता अभियान के तहत वेबीनार आयोजित

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वानिकी संकाय में अध्ययनरत छात्रों के लिए पर्यावरण जागरुकता अभियान के तहत एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इसका विषय ‘सामाजिक और आजीविका सुरक्षा के लिए पारिस्थितिकी बहाली’ था।  इसमें विभिन्न बैचों के यूजी, पीजी और पीएचडी छात्र-छात्राओं को संकाय के शिक्षकों ने विषयगत पहलुओं के बारे में बताया।

कोविड-19 की वजह से वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस वेबिनार के अध्यक्षीय भाषण में डीन वानिकी डॉ एमएच सिद्दीकी ने वनों की कटाई एवं पारिस्थितिक बहाली से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की समस्याओं को कम करने के लिए समाज के हर तबके के लोगों की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया।

वनवर्धन विभाग के अध्यक्ष डॉ एमएस मल्लिक ने पारिस्थितिकी बहाली में कृषि वानिकी का महत्व एवं ग्रामीणों की सामाजिक और आजीविका सुरक्षा के बारे में बताया। वन विज्ञान एवं वृक्ष सुधार विभाग के मुख्य वैज्ञानिक डॉ एस चट्टोपाध्याय ने झारखंड की पारिस्थितिकी संकट एवं समाधान सबंधी विषयों से अवगत कराया। इसी विभाग के वरीय सहायक प्राध्यापक एसएमएस कुली ने पारिस्थितिकी बहाली में कागज उपयोग में कमी, अवशिष्ट का पुन:र्चक्रण, हरित आर्थिकी की ओर झुकाव, पारिस्थितिकी का नियमित अंकेक्षण एवं पर्यावरण प्रभाव का मुल्यांकन जैसे पांच विषयों को प्राथमिकता देने की बात कही।

वनवर्धन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ आरबी साह ने वानिकी क्षेत्र में वनवर्धन से पारिस्थितिकी बहाली के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया। इसी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ एके चक्रवर्ती ने पारिस्थितिक बहाली के परिणामों, डॉ बीसी उरांव ने झारखंड के परिवेश में पारिस्थितिकी बहाली का महत्‍व पर विचार व्यक्त किये। डॉ जेके केरकेट्टा ने विभिन्न नाजुक पारिस्थितिकी तंत्रों में पारिस्थितिकी उत्थान के प्रभाव से पहले और बाद का चित्रमय दृश्य प्रस्तुत किया।

एनआरएम विभाग की सहायक प्राध्यापिका श्रीमती पुष्पा टिर्की ने पारिस्थितिक बहाली से संबंधित केस स्टडी पर छात्रों का ध्यान केंद्रित किया। मौके पर वनोत्पाद उपयोगिता विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ जय कुमार ने 38 वें विश्व पर्यावरण दिवस के थीम पुनर्कल्पना, पुनर्मूल्यांकन और पुनर्स्थापना के विषयों को विस्तारित किया।

वृहद पौधरोपण अभियान

संकाय द्वारा विवि परिसर को हरा बनाये रखने की दिशा में 15 जून को वृहद् पौधरोपण अभियान चलाया जायेगा। नाहेप-कास्ट परियोजना के तहत विवि के सूकर पालन फार्म से डेयरी फार्म एवं वानिकी क्रीड़ांगण परिसर में अशोका, गम्हार, साल, बेर, करंज, गुलमोहर एवं नीम के पेड़ लगाये जायेंगे। कार्यक्रम में संकाय के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं सहित करीब 95 लोगों ने भाग लिया।