निजी स्कूलों के शुल्‍क वसूली के खिलाफ 26 मई से चरणबद्ध राज्यस्तरीय आंदोलन

झारखंड शिक्षा
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  • झारखंड अभिभावक संघ की प्रदेशस्तरीय बैठक संपन्न में लिया गया निर्णय

रांची। झारखंड अभिभावक संघ निजी स्‍कूलों के शुल्‍क वसूली के खिलाफ 26 मई से चरणबद्ध राज्‍यस्‍तरीय आंदोलन करेगा। संघ की प्रदेश स्‍तरीय वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया। संघ के अध्यक्ष अजय राय ने इसकी अध्यक्षता की। इसमें प्रदेश पदाधिकारी और विभिन्न जिलों के अध्यक्ष एवं महासचिव शामिल हुए।

बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने कहा कि महामारी की वजह से स्‍कूल बंद है। इसके बाद भी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से लगातार सभी प्रकार के शुल्‍क की मांग की जा रही है। इसका भुगतान नहीं करने पर बच्चों की ऑनलाइन क्लास बाधित की जा रही है। ऐसे भी इस ऑनलाइन पढ़ाई के चक्कर में बच्चे मोबाइल पर गेम खेल रहे हैं। यू ट्यूब पर फालतू के वीडियोज देख रहे हैं। मोबाइल नहीं देने पर खाना पीना छोड़ रहे हैं। उनकी आखों की रोशनी और मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बावजूद इसके मजबूरी में अभिभावक बच्‍चों को मोबाइल दे रहे हैं।

मौके पर निर्णय लिया गया कि‍ आंदोलन के क्रम में राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश की प्रति प्रत्येक जिला मुख्यालय में डिस्प्ले की जाएगी। स्कूल प्रबंधन को सरकार, सीबीएसई, आईसीएसई, राज्य बोर्ड की ओर से जारी आदेश की प्रति दी जाएगी। सभी जिलों में सोशल मीडिया और विभिन्न संचार माध्यम से अभिभावकों को गोलबंद कर आंदोलन को गति दी जाएगी।

कोरोना और सरकारी प्रतिबंधों को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से प्ले कार्ड और अन्य  माध्यम से वर्चुवल धरना दिया जायेगा। इसका जिसका सीधा प्रसारण फेसबुक और अन्‍य माध्यम से होगा। आंदोलन की शुरुआत 26 मई, 2021 से राज्यस्तर पर वर्चुअल धरना से होगी। इसके बाद 28 मई को काला बिल्ला लगाकर फेसबुक के माध्यम से विरोध दर्ज कराया जाएगा। इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसी तरह 30 मई को ट्वीटर के माध्यम से राज्य सरकार का ध्यान आकृष्‍ट कराया जाएगा।

इस अवसर पर अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कोविड संकट में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लगभग 70% से 80% तक लोग बेरोजगार हो गए हैं। झारखंड में 21 मार्च के पूर्व से स्कूल बंद हुए। आज लगभग 14 महीने से भी ज्यादा हो गए हैं। ऐसे हालात में अभिभावक बच्चों के भविष्य को देखते हुए मासिक फीस जैसे-तैसे जमा करते आ रहे हैं। इस बात को स्कूल प्रबंधन को भी सोचना चाहिए। हालांकि वे संवेदनशील होने के बजाय आज हर तरह की शुल्क वसूलने में कही कोई कसर छोड़ नहीं रहे हैं।

प्रांतीय प्रवक्ता कवलजीत सिंह ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशील होना चाहिए। मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर सीधा हस्तक्षेप करना चाहिए। राज्य की जनता के साथ न्याय करना चाहिए, क्योंकि अभिभावकों की स्थिति इस समय काफी दयनीय है।

बैठक में कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय (धनबाद), महेन्दर राय (बोकारो), संजय सर्राफ (रांची), कवलजीत सिंह लोहरदगा), डॉ पुष्‍पा श्रीवास्तव (जमशेदपुर), धीरज आनंद (देवघर), दीपक शर्मा (गिरिडीह), अभय पांडेय, राजेश कुमार, आलोक गेरा (रांची), अजय कुमार पंकज (लोहरदगा), रेवतीनंदन चौधरी (दुमका), रविशंकर राय (रामगढ़), संजीव दत्ता (रांची), मनोज सिंह (पलामू), विद्याकर कुंवर, राजेश साहू, तलत प्रवीण (रांची), तिलका मांझी (सिमडेगा) सहित अन्य शामिल हुए।