यकीन करें, इनपर लागू नहीं होते सरकार के दिशा-निर्देश

झारखंड
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विवेक चौबे

गढ़वा। झारखंड में स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा सप्‍ताह 3 जून तक लागू है। इस दौरान कई तरह के प्रतिबंध लगाये गये हैं। दूसरे राज्‍यों से गाड़ी आने की मनाही है। ई पास देखे जा रहे हैं। इसका उल्‍लंघन करने वालों से प्रशासन सख्‍ती से निपट रहा है। चालान काटे जा रहे हैं। दुकानों को सील किया जा रहा है। हालांकि सरकारी आदेश इनपर लागू नहीं होता है।

लाख पाबंदियों के बाद भी जिले में अवैध बालू का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। जानकारी के बाद भी प्रशासन मौन है। इस संबंध में कई बार उपायुक्त और खनन विभाग से शिकायत की जा चुकी है। इसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। दरअसल, जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत राणाडीह बालू घाट में बड़े पैमाने पर बालु का अवैध उत्खनन कर बिक्री की जा रही है।

पंचायत मुखिया कृष्णा दास ने बताया कि तीन साल का बालु का लीज 13 दिसंबर, 2020 को ही समाप्त हो गया है। इसके बावजूद भी अब तक बालु का उठाव जारी है। इससे पंचायत और सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है। कोरोना महामारी से पूरा राज्य त्रस्त है। सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गयी है। हालांकि यहां उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए अखाड़ा बना हुआ है।

मुखिया ने कहा कि अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को होम क्वारंटाइन में रहना है। कोरोना जांच करानी है। आवागमन करने वाले लोगों के पास ई-पास होना आवश्यक है। दूसरे प्रदेशों से गाड़ी आने पर रोक है। हालांकि बालु घाट में ट्रक उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से धड़ाधड़ आ रहे हैं। उक्त बालु घाट के सटे गांवों में बेरोकटोक लोग घूम रहे हैं। इससे इस क्षेत्र में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका है।

माफिया द्वारा अवैध उत्खनन कर बालु ओवर लोड ट्रक को उतर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में धड़ल्ले से भेजा जा रहा है। ओवर लोड ट्रक होने के कारण गाड़ी रोड पर फंस जा रही है, जिससे आम लोगों को रोड पर चलना भी मुश्किल हो गया है। उक्त सभी विषयों की जानकारी मुखिया कृष्णा दास ने शासन प्रशासन दी है। बालु माफिया पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। बालु घाट को सीज कर पंचायत को कोरोना से बचाने की अपील की है।