महिला मरीज के जिंदा या मौत पर खूब हुआ हंगामा, सदर अस्पताल बक्सर में घंटों चला ड्रामा

अपराध बिहार
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बक्सर। बक्सर सदर अस्पताल में एक महिला के जिंदा या मौत हो जाने के मुद्दे पर घंटों ड्रामा चलता रहा। साथ ही जमकर हंगामा भी हुआ। दरअसल रोहतास जिले के दावथ थाना क्षेत्र के स्थानीय निवासी रविन्द्र प्रसाद अपनी पत्नी सुनीता देवी (45 वर्ष) को सांस लेने में परेशानी की शिकायत पर सदर अस्पताल में लेकर आए थे। वहां पहुंचने पर चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। तकरीबन आधे घंटे तक परिजन रोते-बिलखते अचानक उन्हें एहसास हुआ कि महिला जिसे मृत घोषित किया गया था, उसकी धड़कन चल रही है या शरीर अभी गरम है।

तुरंत ही ऑन ड्यूटी डॉक्टर को बुलाया गया। जांच करने के बाद यह पाया गया कि महिला जीवित है। हो-हंगामा के बीच आनन-फानन में महिला को वार्ड में एडमिट किया गया, लेकिन तकरीबन आधे घंटे के बाद महिला को पुन: मृत घोषित कर दिया गया। मरीज के परिजनों ने बताया कि सुनीता देवी जब यहां पहुंची तो जिंदा थी। चिकित्सक अगर समय पर इलाज करते, तो शायद उन्हें बचाया जा सकता था।

सदर प्रखंड के चुरामनपुर के रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी रंजीत पांडेय ने बताया कि यदि समय पर महिला को इलाज मिला होता, तो शायद ऐसा नहीं होता। लेकिन चिकित्सक महिला को मृत घोषित कर टालमटोल करने में लगे रहे और तकरीबन दो घंटे तक महिला के परिजनों को इधर-उधर घुमाया। वहीं सदर अस्पताल ऑन ड्यूटी इमरजेंसी में कार्यरत डॉ आर.बी. श्रीवास्तव ने बताया कि महिला को मृत ही लाया गया था। जांचोपरांत इस बात की घोषणा कर दी गई थी।

मेडिकली कभी-कभी बॉडी पूरी तरह शिथिल होने में कुछ समय लगता है। लेकिन परिजन इस बात को मानने को तैयार नहीं थे। हालांकि हल्ला-हंगामा करने के बाद मरीज के परिजनों को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह मृत महिला को लेकर चले गए।