रांची। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रांची रेलवे स्टेशन की कमान महिला कर्मचारियों ने संभाली। सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक ट्रेन ऑपरेशन, संचालन और टिकटिंग से लेकर पैनल तक की जिम्मेदारी संभाली। चांद कुमारी कच्छप ने एक दिन के लिए स्टेशन मैनेजर की जिम्मेदारी संभाली। झारखंड की पहली महिला लोको पायलट दीपाली अमृत रांची से टोरी तक सवारी गाड़ी को चला कर ले गईं। टिकट काउंटर से लेकर ट्रेन के लोकेशन को ट्रेस और उन्हें सही ट्रैक पर संचालित करने वाले पैनल की जिम्मेदारी से लेकर स्टेशन की सुरक्षा और सफाई तक जिम्मेदारी महिलाओं के हाथ में थी।
चांद कुमारी ने बताया कि 8 घंटे में सवारी और माल गाड़ी को मिलाकर 25 गाड़ी रांची रेलवे स्टेशन पर आईं। इसका संचालन उन्होंने किया। टिकट काउंटर पर मोर्चा संभालने वाली अंजना मित्रा ने कहा कि महिलाएं किसी भी काम में पीछे नहीं है। पैनल का काम संभाल रही पूनम टोप्पो ने कहा कि डर किसी चीज से नहीं लगता है, जो जिम्मेदारी मिलती है उसे सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाना है।
रांची से टोरी तक चलने वाली सवारी गाड़ी में लोको पायलट से लेकर TTE, गार्ड और सुरक्षाकर्मी सभी महिला कर्मी की तैनाती की गई थी। कुल 11 महिलाओं की टीम रांची से ट्रेन टोरी तक ले गई। इसके अलावा केवल पुरुषों का काम कहा जाने वाला प्वाइंट्स मैन का काम प्वाइंट्स वुमन ने संभाला।
रांची रेल मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नीरज कुमार ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक छोटी सी पहल की गई थी। रांची डिविजन में यह पहला स्टेशन था, जहां इस प्रकार का प्रयोग किया गया था। उन्होंने बताया कि लोग महिलाओं के कार चलाने देने से डरते हैं। आज महिलाएं ना केवल स्टेशन का बेहतर तरीके से संचालन की, बल्कि ट्रेन चला रहीं हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रयोग आगे भी जारी रहेंगे।