- हाईकोर्ट के आदेश पर अमल नहीं, अवमानना याचिका दायर
- कोर्ट ने सुनवाई करके केंद्र सरकार से मांगा 17 मार्च तक जवाब
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शिक्षा के अधिकार कानून में बदलाव कर गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में 8वीं की बजाय 12वीं कक्षा तक पढ़ाई करने की अनुमति देने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका दायर पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस नाजमी वजीरी की बेंच ने केंद्र सरकार से 17 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यह याचिका सोशल जूरिस्ट नामक एनजीओ की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि 9 दिसंबर, 2019 को हाईकोर्ट ने शिक्षा के अधिकार कानून में बदलाव कर गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में 8वीं की बजाय 12वीं कक्षा तक पढ़ाई करने की अनुमति देने के लिए छह महीने में जरूरी संशोधन करने का निर्देश दिया था।
वकील अशोक अग्रवाल ने 2019 में दायर याचिका में कोर्ट से मांग की थी कि शिक्षा के अधिकार कानून की धारा 12(1)(सी) का दायरा आठवीं क्लास से बढ़ाकर 12वीं क्लास तक किया जाए। याचिका में कहा गया था कि अगर ये दायरा बढ़ाया जाता है तो शिक्षा के अधिकार के तहत जो बच्चे निजी स्कूलों में मुफ्त में पढ़ रहे हैं, उनकी पढ़ाई 8वीं पास करने के बाद बाधित नहीं होगी।
याचिका में कहा गया था कि आठवीं कक्षा पास करने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निजी स्कूल अपने यहां पढ़ने की अनुमति नहीं देते हैं। इससे उन बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह जाती है। उनके अभिभावक इस स्थिति में नहीं होते कि वे निजी स्कूलों का फीस भर सकें। इसलिए शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा आठवीं से बढ़ाकर 12वीं कर दिया जाए।